सभी खबरें

जबलपुर: कोरोना की रोकथाम में की 4 महीने पहले बड़ी की थी लापरवाही ,सरकार ने फ़िर बना दिया CMHO

जबलपुर: कोरोना की रोकथाम में की 4 महीने पहले बड़ी की थी लापरवाही ,सरकार ने फ़िर बना दिया CMHO

  • मनीष मिश्रा को फ़िर बनाया मुख्य चिकित्सा अधिकारी
  • 4 माह पहले , कोविड को लेकर ग़लत जानकारी देने पर हटाया गया था पद से 
  • रत्नेश कुररिया को मिली थी जिम्मेदारी

 द लोकनीति डेस्क जबलपुर 
एकतरफ कोरोना को लेकर जबलपुर की स्थिति दिन पे दिन बदतर होती जा रही है वही कोविड से मौतों का आंकड़ा 147 पहुँच गया है वही पॉजिटिव मरीजों की संख्या 10 हज़ार छूने को है ।वही मध्यप्रदेश सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने अब ऐसे अधिकारी को जबलपुर का मुख्य चिकित्सा एवं  स्वास्थ्य विभाग का अधिकारी बना दिया है जिसने 4 माह पहले कोविड-19 की रोकथाम को लेकर बड़ी लापरवाही बरती थी।अब ऐसे में सरकार के इस फ़ैसले को लेकर ज़िले के लोग बड़ी असमंजस में फंस गए है कि जिसने कोविड को लेकर इतनी बड़ी लापरवाही की उसे यह बड़ी जिम्मेदारी क्यों सौंप दी गई?? सरकार का रवैया जबलपुर की जनता के प्रति कोरोना काल के शुरुआत से ही सही नहीं बताया जा रहा है ,पहले तो विपक्ष इसको लेकर आवाज़ उठा रहा था लेकिन अब सरकार के ही जनप्रतिनिधि इसको लेकर जनता हित मे विरोध करतें नजऱ आ रहें है।

आज की ताज़ा जानकारी में :

संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं मध्यप्रदेश शासन ने सोमवार को आदेश जारी करते हुए प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रत्नेश कुररिया को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जबलपुर के पद से ट्रांसफर करते हुए  जिला चिकित्सालय जबलपुर में भेज दिया है।  वही जिला चिकित्सालय जबलपुर के प्रभारी  डॉक्टर मनीष मिश्रा को प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जबलपुर बनाया गया है।

आखिर क्यों हटाया गया था पूर्व CHMO??पद से
ये विवाद बने थे वजह जिसको लेकर मनीष मिश्रा को CHMO पद से हटाया गया था। 

1 – : कोरोना टेस्ट से जांच के लिए निजी लैब को अनुमति के मामले में दोनों अधिकारियों के बीच तनातनी। एक निजी लैब के कर्मी से मारपीट के बाद उठे था ये आरोप।

2 – : विक्टोरिया अस्पताल के आरएमओ को सुखसागर क्वारंटीन सेंटर भेजने के आदेश को 24 घंटे के अंदर पलटना।

3 – : जिले में संविदा कर्मियों का निलंबन और निष्कासन करने के दो दिन के बाद अचानक सभी को बहाल करने के निर्देश देना।

4 – : कोरोना संदिग्धों के नमूने लेने में लगातार लापरवाही। उपाय करने में सख्ती नहीं।

5 – : कोरोना सर्वे में मनमानी। संक्रमण के फैलाव के बीच अचानक एक दिन सर्वे रोक देना।

6 – : एनआइआरटीएच से सीएमएचओ को मिलने वाली कोरोना पॉजिटिव मरीजों की गोपनीय जानकारी का लीक होना।

7 – :  संक्रमण की रोकथाम के बीच झोलाछाप डॉक्टरों का जांच अभियान चलाना।

पढ़ें पूर्व की ख़बर –https://thelokniti.com/news/negligence-in-the-prevention-of-corona-major-operation-of-administration-removal-of-cmho-and-civil-surgeon

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button