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जबलपुर : 117 दिनों से अनशन पर हैं भैया जी सरकार कब चेतेगी सरकार?

 जबलपुर : 117 दिनों से अनशन पर हैं भैया जी सरकार कब चेतेगी सरकार?

  •  यादव महासभा ने म.प्र. के सभी जिला कलेक्टरों को भैयाजी सरकार के सत्याग्रह  के समर्थन में  मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
  •  18 फरवरी की सत्याग्रह यात्रा में बड़ी संख्या में सम्मिलित होने के लिये किया संकल्प

 द लोकनीति डेस्क जबलपुर 
117 दिनों से अन्न आहार त्यागकर मॉं नर्मदा एवं गौ वंश को बचाने सत्याग्रह कर रहे समर्थ सदगुरु श्री भैया जी सरकार के दिनों दिन विगड़ते स्वास्थ्य को लेकर सामाजिक धार्मिक संस्थाओं संगठनों में आक्रोश फूट पड़ा है। आखिर क्या कारण है कि माननीय उच्च न्यायलय के आदेशों एवं शासन-प्रशासन के नीति नियमों के पालन के लिए एक संत को अपना जीवन दावं पर लगाना पड़ रहा है।  इसी क्रम में आज यादव महासभा ने म.प्र. के सभी जिलों में जिला कलेक्टरों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा एवं जल्द से जल्द  7 सूत्रीय मांगों को मानकर क्रियान्वयन करने की मांग की जिससे एक प्रकृति उपासक संत के जीवन की रक्षा हो सके तथा हमारी जीवनदायिनी मां नर्मदा और गौ माता का संरक्षण सुनिश्चित हो सके ।

यादव महासभा ने भैयाजी सरकार के आह्वान पर 18 फरवरी की माँ नर्मदा गौ सत्याग्रह पद यात्रा में बड़ी संख्या में सम्मिलित होने का संकल्प लिया।
क्या है मामला ?
उच्च न्यायपालिका के आदेशों की अवहेलना-
धर्म संविधान नीति नियमों कानून के विरुद्ध नर्मदा पथ चल रहे अवैध कार्य
नर्मदा मिशन द्वारा दायर की गई जनहित याचिका में माननीय मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मई 2019 और जुलाई 2019 में दिये गये स्पष्ट आदेशों के बावजूद नर्मदा नदी के उच्च बाढ़ स्तर ( एच एफ एल) से 300 मी में लगातार हो रहे अवैध निर्माण अतिक्रमण खनन
नर्मदा जल में मिल रहे गंदे नालों विषैले रसायनों से बड़ी तीव्रता से दूषित हो रहा नर्मदा जल दूसरी तरफ नर्मदा जल संग्रहण हरित क्षेत्र बड़ी तीव्रता से खत्म होना।
शासन  प्रशासन राज्य सरकार द्वारा हो रही उदासीनता बारम्बार अनदेखी से दुःखित होकर समर्थसद्गुरु भैयाजी सरकार  ने नवरात्रि के प्रथम दिवस 17 अक्टूबर 2020 से अन्न आहार फलाहार का परित्याग कर नर्मदा जल पर सत्याग्रह विगत 117 दिनों से
कर रहे।

ये हैं सात सूत्रीय मांगे
1) मां नर्मदा तट एच.एफ.एल.से 300 मीटर तक के हरित क्षेत्र को मान. उच्च न्यायालय के आदेशानुसार सीमांकन कर प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर तत्काल संरक्षित किया जाए।

2) मां नर्मदा को जीवंत इकाई का दर्जा देकर ठोस नीति व कानून बनाए।

3) दबंग,भू-खनन माफिया पूंजीपतियों द्वारा लगातार हो रहे हरित क्षेत्र में अवैध निर्माण,अतिक्रमण ,भंडारण,खनन तत्काल प्रतिबंधित कर अवैध साधन संसाधन भंडारण सामग्री को तत्काल राजसात किया जाए।

4) अमरकंटक तीर्थ क्षेत्र में हो रहे निर्माण अतिक्रमण खनन पूर्णत: प्रतिबंधित किया जाए।

5) मां नर्मदा के जल में मिल रहे गंदे नालों विषैले रासायनों को बंद करने व अपशिष्ट द्रव्य पदार्थों के प्रबंधन हेतु प्रभावी ठोस कार्ययोजना लागू की जाए।

6) बेसहारा गौ वंश के लिए आरक्षित नगरीय निकायों की गौचर भूमि को संरक्षित किया जाए एवं अवैध अतिक्रमण निर्माण कब्जा से मुक्त कराया जाए।

7) मां नर्मदा पथ के तटवर्ती गांव नगरों को जैव विविधता क्षेत्र घोषित कर समग्र गौनीति-गौ अभ्यारण सुनिश्चित किए जाएं।

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