हिजाब विवाद: घूंघट, दुपट्टा,क्रॉस और पगड़ी पर रोक नहीं तो फिर मुस्लिम के साथ भेदभाव क्यों?
हिजाब विवाद: घूंघट, दुपट्टा,क्रॉस और पगड़ी पर रोक नहीं तो फिर मुस्लिम के साथ भेदभाव क्यों?
कर्नाटक:- कर्नाटक हाईकोर्ट में बुधवार को हिजाब विवाद पर सुनवाई हुई.चौथे दिन भी यहां पर रोक के खिलाफ मुस्लिम छात्राओं की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई की गई. याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश वकील ने कहा कि जब घूंघट,दुपट्टा,पगड़ी,क्रॉस पर बिंदी जैसे धार्मिक चिन्ह लोग पहन रहे हैं तो फिर हिजाब को क्यों निशाना बनाया जा रहा है?
इधर इस मुद्दे पर कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच तीखी बहस छिड़ी रही.
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंत्री के ईश्वरप्पा के तिरंगे की जगह भगवा ध्वज होने की बात को देशद्रोह बताते हुए कार्रवाई की मांग भी की है.
जब सेना में हो सकते हैं पगड़ी वाले जवान तो क्लास में हिजाब क्यों नहीं?
याचिकाकर्ता के वकील रवि वर्मा ने कहा कि समाज के सभी वर्गों में अनेक धार्मिक चिह्न चूड़ी, पहनी जाती है क्या यह धार्मिक चिह्न नहीं है? अगर चूड़ी पहनने और बिंदी लगाने वाली लड़की को बाहर नहीं किया जा रहा है, क्रॉस पहनने वालों पर कोई रोक नहीं लगी हुई है,सेना में अगर पगड़ी पहनने वाले जवान शामिल हो सकते हैं तो धार्मिक चिन्ह के साथ क्लास में क्यों नहीं आया जा सकता है? हिजाब को लेकर भेदभाव क्यों किया जा रहा है? केवल गरीब मुस्लिम छात्राएं ही इसके दायरे में क्यों हैं? उनको धर्म के आधार पर क्लास से बाहर क्यों किया जा रहा है?संविधान के अनुच्छेद 15 का उल्लंघन है.
कर्नाटक में हिजाब विवाद की वजह से एक हफ्ते बंद रहने के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्री यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेज बुधवार को खोल दिए गए. कई जगहों पर हिजाब पहनकर पहुंची छात्राओं को हिजाब उतारने के बाद ही कैंपस में घुसने की अनुमति दी गई.कुछ स्थानों पर हिजाब उतरने से इंकार कर दिया गया इसके चलते कई कॉलेजों में विवाद की स्थिति बनी रही.