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मुख्यमंत्री से लगाई थी गुहार न्याय नहीं मिला तो , अब 250 श्रमिक परिवारों ने राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्यु की स्वीकृति

भोपाल  मध्यप्रदेश/भोपाल(Bhopal) – : मंडीदीप(Mandideep) औद्योगिक शहर के 250 श्रमिक परिवारों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की स्वीकृति देने की मांग की है। कर्मचारियों पत्र में लिखा है कि कंपनी प्रबंधन ने उन्हें 8 महीने से वेतन नहीं दिया है, वहीं लॉकडाउन के दो महीने से बाहर भी काम मिलना बंद हो गया है,अब  ऐसे में श्रमिक परिवार भूखा मरने की स्थिति में आ गए हैं।

न्याय नहीं मिला

न्यू इंडस्ट्रियल एरिया स्थित आरवीआर(RVR ) टेक्नोलॉजी कंपनी प्रबंधन के  यहा काम करने  वाले  लगभग  250 श्रमिकों को वेतन का भुगतान किये बिना कंपनी में ताला डालकर फरार हो गया है। श्रमिक बताते हैं कि उन्होंने प्रबंधन से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री(CM) तक गुहार लगा ली, कहीं से भी उन्हें न्याय नहीं मिला।फिर आखिर थक हारकर के अब उन्होंने देश के राष्ट्रपति  गुहार लगाई है।

बिजली पानी की सुविधा भी हुई अब बंद-

कंपनी के वर्कर्स क्वार्टर में करीब 110 श्रमिक परिवार रहते है, कंपनी प्रबंधन ने कंपनी बंद करने के साथ वर्कर क्वाटर की बिजली पानी की सप्लाई भी बंद कर दी है, इसके कारण श्रमिकों को दिन और रातें पेड़ की छांव में गुजार रहे है। कर्मचारियों ने बताया कि प्रबंधन चाहता कि श्रमिक परिवार सुविधाओं के आभाव में यंहा से चले जाएं जिससे उनका हिसाब-किताब नहीं करना पड़ेगा।

लॉकडाउन में दूसरों की मदद से चल रहा था गुजारा-

कंपनी के श्रमिक लॉकडाउन के समय भरण पोषण के लिए पूरी तरह से सामाजिक संगठनो ने उपलब्ध कराई जा रही राशन सामग्री और भोजन पर निर्भर थे। वहीं प्रशासन  भी थोड़ा सूखा राशन उपलब्ध कराया गया था

 अब इनका कहना है-

आरवीआर कंपनी के 250 परिवारों ने पत्र लिख कर देश के राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु मांगी है, क्योकि पिछले 8 महीने से हम सभी दर दर की ठोकरें खा रहे हैं, लेकिन हमें कहीं न्याय नहीं मिला।

संतोष कुमार मालवीय, पीड़ित श्रमिक

आरवीआर कंपनी के श्रमिकों के वेतन का मामला श्रम न्यायलय में चल रहा है, न्यायलय के निर्णय के बाद ही इसमे कुछ हो सकेगा।

केएम खीची, श्रम अधिकारी रायसेन

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