सोनिया गांधी में मेरे अभिभावक है, आज मुझे लगा की मैं अनाथ नहीं हूं : अधीर रंजन चौधरी
नई दिल्ली : कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को “राष्ट्रपत्नी” कह दिया। दरअसल, अधीर रंजन से बुधवार को जब मीडिया ने पूछा था कि आप राष्ट्रपति भवन जा रहे थे, जाने नहीं दिया गया? तब उन्होंने कहा था कि आज भी जाने की कोशिश करेंगे। हिंदुस्तान की “राष्ट्रपत्नी’ सबके लिए हैं। हमारे लिए क्यों नहीं। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के इस बयान पर बवाल मचा हुआ है। गुरुवार को दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में उनके इस बयान पर जमकर हंगामा हुआ।
अब इस मामलें में सांसद अधीर रंजन चौधरी का बड़ा बयान सामने आया है। हालही में इंडिय एक्सप्रेस को दिए गए इंटरव्यू में अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मैं एक बंगाली भाषी व्यक्ति हूं, हिंदी में पर्याप्त रूप से कुशल नहीं हूं। मैं हिंदी में बोलने की कोशिश कर रहा हूं लेकिन मुझे इसका भरपूर ज्ञान नहीं है। यह जुबान की फिसलन थी। मेरा कोई बुरा इरादा नहीं था। राष्ट्रपति पद के लिए मेरे मन में सर्वोच्च सम्मान है। महिलाओं के लिए मेरे मन में सबसे ज्यादा सम्मान है। मैं अपने देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान कैसे कर सकता हूं, चाहे कोई भी हो?
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जब स्मृति ईरानी ने मेरा नाम लेकर मुझ पर हमला किया तो मैं उठा और जवाब देने का अधिकार मांगा। मुझे अवसर से वंचित कर दिया गया और सदन को दोपहर तक के लिए स्थगित कर दिया गया। ‘बाद में, मैं अध्यक्ष के पास गया, उनसे विनती की कि मुझे मेरे खिलाफ लगाए गए आरोपों का जवाब देने की अनुमति दी जाए। सोनिया गांधी भी स्पीकर के पास गईं। उन्होंने लोकसभा स्पीकर म बिरला से कहा कि अधीर को जवाब देने का मौका दिया जाना चाहिए। यह मेरे संसदीय करियर का एक यादगार दिन है। आज मुझे लगा कि मैं अनाथ नहीं हूं। सोनिया गांधी में मेरे अभिभावक हैं।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि भाजपा सदस्य यह कहते रहे कि मैडम मुर्मू आदिवासी समुदाय से हैं और मैंने एक आदिवासी का अपमान किया है। याद रखें, सोनिया गांधी के नेतृत्व में यूपीए ने वन का अधिकार अधिनियम बनाया था। भारत की आदिवासी आबादी का अगर किसी ने खास ख्याल रखा तो वो थे यूपीए।
इस दौरान अधीर रंजन ने कहा कि इस मुद्दे पर हंगामा कर भाजपा ने खुद को एक ऐसी पार्टी के रूप में साबित कर दिया है, जो तिलहन से पहाड़ बना सकती है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि भाजपा इस बेबुनियाद मुद्दे को उछाल कर लोगों को महंगाई जैसे मुद्दों से भटकाना चाहती है।