कोई इतना "बेशर्म" कैसे हो सकता है?? जब "मोदी सरकार" की सारी संवेदनाएं मर चुकीं हों..!
- कोई इतना बेशर्म कैसे हो सकता है??
- जब सरकार की संवेदनाएं मर जाएं तो नागरिकों का मरना (खोखला) कोई आश्चर्यजनक नहीं
ये लेख़क शशांक तिवारी के निजी विचार है
भारत में कोरोना से लाखों की मौत, आंकड़े छुपा लिए गए, अपनी जनता को धोखे में रख लिया है, ऑक्सीजन ना मिलने से भी खौफनाक मंज़र पैदा हुआ और आपके शहर से ना जानें कितने लोगों की जान गई होगी। जब स्तिथि समान्य हो गईं तो सरकार सदन में कहती है कि इस देश में ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी भी हिंदुस्तानी (indian) की जान नहीं गई। इनके सांसदों और विधायकों से कोई पूछे कि आप कहा थे? जब यह सरकार ऐसा बोल रही थी, क्या ये सच है oxygen की कमी से कोई भी नहीं मरा है?? तो आप रोजाना किसको फ़ोन लगाते थे, आपके अपने रिश्तेदार भी तो मारे गए है, बेबसी का आलम यह आलमगीर (PM) मन की बात करता रहा और आदमी का गला घुटता रहा।
तो फ़िर आदमी मरा कैसे है??
आप ही बताएं, लाखों खर्च करने वालें, मोटी पोथी पढ़ने वाले, एमबीबीएस (MBBs) की डिग्री लेने वालें क्या डॉक्टर निक्कमे है? जो ये नहीं बता पाएं कि हमारे परिजन हमारे रिश्तेदार मरे कैसे है…?? आपसे अच्छे तो हमारे स्थानीय आईटी सेल के भांड और दो कौड़ी के नेता अच्छे है, जो अपनी सरकार के बचाव में जो यह भी बता देंगे कि आपके नाक का साइज़ (nose size) अच्छा नहीं था मोदी जी की जैसी नाक होती तो शायद बच जाते।
अब नाक ही तो है कट गई है तो क्या कर सकते है, एक्सपोज हो भी गए है तो भी तुम जनता क्या उखाड़ लोगे???
कोई इतना बेशर्म कैसे हो सकता है..???? गंगा में तैरती लाशों ने तुमसे जवाब मांगा है…..लखनऊ के उस शमशान घाट ने जवाब मांगा है?? जिसे तुमने चुनवा दिया कि रोज़ कितने मरते है भला कोई क्यों जानें, जानें तो सिर्फ हमारी जी हजूरी रागी दरबारी पत्रकार बन जाओ जिसका पेट भी हम पालेंगे और लात भी उसे ही मारेंगे, जैसे हम जनता को अपने पैरों की नीचे कुचल रहें है। और आगे भी कुचलते रहेंगे…??
सबसे खतराक होता है मानवीय संवेदनाएं मर जाना और इस सरकार में मुझे ये नही दिखती, आपकों दिखती होगी तो मैंने आपका चश्मा नहीं पहना है, आप अपना देखो मुझे ज्ञान मत पेलना। सिर्फ़ हिंदू मुसलमान का एजेंडा और इसका syllabus से यह सरकार बढ़ रहीं है। आखिर कोई इतना बेशर्म कैसे हो सकता….???
मरे हुए नागरिक एक मरा हुआ लोकतंत्र को जन्म दे दिया है भारत में, ये new India है जिसमें कोई से सवाल नहीं पूछता, कोई बोले भाई पैट्रोल डीज़ल इतना महंगा क्यों है तो एक मधयप्रदेश कटनी भाजपा जिलाध्यक्ष भाईसाब जी ये भी कह देते है कोई महंगा वहंगा नहीं है आप अफगानिस्तान चले जाओ वहां सस्ता है, अरे भाईसाब वहां आपके मोदी चच्चा के तेल के कुएं नहीं है वैसे भी तेल के कुएं अरब अमीरात और गल्फ देशों में है ना कि अफगानिस्तान में वहां अफ़गान में सिर्फ़ हफीम मिलती है जिसका नशा बहुत तेज़ होता है, इसके नशे के बाद ही आदमी ऐसे फालतू के बयान देता है। आख़िर कोई इतना बेशर्म कैसे हो सकता है?
सरकार चाहें कांग्रेस की हो चाहें भाजपा की सभी को गरीबों को राशन वितरण करना है और आगे भी करना होगा, लेकिन ये कोई अहसान नहीं करते आप, जो अपना बार बार बिल्ला चिपका कर दे और गरीबों को कहें कि तुम गरीब हो हमने तुमको राशन दिया है। क्या नेता जी लोग अपने कुर्ते के जेब से पैसा निकाल कर दिए है। अरे जितने का राशन नहीं दिए उतना तो करोड़ों का विज्ञापन दे डाला वो भी आपकी और हमारी जेब के पैसों से। ख़ैर आपकी टिप्पणी यह आपकी सरकार है…..
अंत में आप निरंतर देखिए अभी तीसरी लहर भी आने वाली है अपने आसपास के अस्पताल भी घूम आएं कि हमारे आसपास अब क्या बदला है..??? स्टॉफ बदला है डॉक्टर साहब बदले है या मशीन बदला है, सिस्टम बदला है जो अब तक नहीं बदला है। आख़िर कोई इतना बेशर्म कैसे हो सकता है???
MP के जबलपुर की है ले लो रेमडेसिवर इंजेक्शन और व्यापाम घोटालों का जनक, अभी तक नहीं बदला है। कलेक्टर साहब को एक साल होने जा रहा है लेकिन मलेरिया रोगी कल्याण विभाग का आधिकारी नहीं पता चल पाया, मलेरियां और डेंगू से रोज़ाना बुखार आती है, इसमें भी लोग निपट रहें है लेकिन जान बचाने के बदले , शासन प्रशासन इसमें ध्यान दे रहा है कि जन आशीर्वाद यात्रा कैसे सफल हो…??? आख़िर कोई इतना बेशर्म कैसे हो सकता है???
यदि इतनी मौतों ने तुमको आशीर्वाद नहीं दिया तो जिंदा कौमों से तुम आशीर्वाद मत मांगना।
शशांक तिवारी