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"इन लोन वालों के वजह से मैं मजबूर हो गया हूँ बच्चों …."

Bhopal News, Gautam :- रिकवरी एजेंट से तंग आ कर न्यू मार्केट के एक कपड़ा व्यवसायी ने आत्महत्या कर लिया। अपने मरने का कारण मृतक हेमंत कुशवाहा ने फाइनेंस कंपनी और लोन वालों को बताया है। मरने से पहले हेमंत ने एक व्हाट्सएप विडियो के द्वारा अपने छोटे भाई को यह सारी बातें बताई थी।

एक और व्यापारी ने रिकवरी एजेंट से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। मृतक अपने दसवीं कक्षा में पढने वाले बेटे को परीक्षा केंद्र छोड़ने गया था लेकिन फिर वहां से कभी लौटा ही नहीं। वह अपने बेटे को छोड़ने के बाद सीधा सीहोर के क्रिसेंट वाटर पार्क पहुंचा और अपनी जान जहर खाकर दे दी। मरने से पहले मृतक ने अपने छोटे भाई को एक विडियो भेजा था जिसमे उसने बताया था कि फाइनेंस कंपनी और लोन लेने वालों के वजह से वह खुदकुशी कर रहा है क्यूंकि इन लोगों ने उसे और उसकी पत्नी को बहुत परेशान कर दिया है। इसलिए वह आत्महत्या कर रहा है।

35 लाख लिया था लोन
सुखसागर कालोनी नीलबड़ के रहने वाले 39 वर्ष के हेमंत कुशवाहा की न्यू मार्केट में कपडे की अपनी दूकान है। उनके घर में पत्नी सरिता, माँ सावित्री और दो बेटे धीरज और निखिल रहते थे। जबकि छोटा भाई जीतेन्द्र जिसे हेमंत ने विडियो भेजा था वह इसी कालोनी के दुसरे मकान में रहते हैं। जितेन्द्र ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया की “गुरूवार सुबह तकरीबन 10:30 बजे मेरे पास भईया का एक वीडियो आया जिसमे वह खुदकुशी की बात कर रहे थे। मई दौड़ते हुए भाभी के घर गया तो भईया वहां नहीं थे फिर मैंने भईया को फ़ोन किया तो किसी अनजान ने फ़ोन उठाया और बताया की भईया ने क्रिसेंट वाटर पार्क के पास जहर खाकर आत्महत्या कर लिया है।

रिकवरी एजेंट कर रहे थे परेशान
हेमंत की पत्नी ने बताया कि अलग-अलग फाइनेंस कंपनियों से हेमंत ने करीब 35 लाख का लोन ले रखा था। बिना उसके सिविल देखे ही फाइनेंस कंपनियां लोन देती गयी। किसी ने बिज़नेस लोन दिया तो किसी ने हाउसिंग लोन। हेमंत ने कई किश्त और तकरीबन 6 लाख रूपये चुकाए भी। लेकिन व्यापार में मुनाफा न होने के कारण वह 80 हज़ार की मासिक क़िस्त नहीं चूका पा रहा था। फाइनेंस कंपनी ने कानूनी प्रक्रिया न अपनाते हुए हेमंत को प्रताड़ित करना चालू कर दिया। कभी एजेंट घर पर आकर उसे परेशान करते थे तो कभी दूकान जाकर। यहाँ तक की राह रोककर भी उससे पैसे मांगते थे इन सब से ही तंग आकर उसने खुदकुशी कर ली।

प्रदेश भर में न जाने कितनी फाइनेंस कंपनी ऐसे ही अपने ग्रहकों को प्रताड़ित करती है। पहले तो ये लोग जबरदस्ती लोन दे देते हैं और उसके बाद अगर एक क़िस्त भी नहीं चूका पाए तो दनादन पेनल्टी लगाते जाते हैं। और तो और अपने एजेंट्स को भिजवाकर लोगों को धमकाते भी हैं। इन पर न तो पुलिस का कोई रोक है न प्रशासन का। किसी को बार-बार बेइज्जत करना कहाँ तक जायज़ है। बहरहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

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