देश में ठीक हो रहे हैं मरीज़ या आंकड़ों की बाजिगरी या नई डिस्चार्ज पॉलिसी का कमाल
गौतम कुमार की रिपोर्ट
देश में एक तरफ कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है तो दूसरी तरफ ठीक होने वाले मरीजों की तादद भी कम नहीं है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों में यह बताया जा रहा है कि किस तरह से देश में ठीक होने वाले मरीज अथवा कोरोना के मरीजों का रिवकरी रेट बढ़िया हो रहा है।
स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े जानकार बताते हैं कि यह सच है कि देश में कोरोना के मरीज ठीक भी हो रहे हैं लेकिन यह भी हकीकत है कि 8 मई से सरकार ने नई डिस्चार्ज पॉलिसी जारी किया है उसके बाद से मरीजों को जल्दी घर भेजा जा रहा है जिसकी वजह से ठीक होने वाले मरीजों का सरकारी आंकड़ा बढ़ रहा है।
क्या कहते हैं आंकड़े
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में 74 हजार से भी अधिक कोरोना के मरीज हैं लेकिन इनमें से लगभग 24 हजार ठीक हो चुके हैं। मौत के आंकड़ों की बात करें तो पाते हैं कि कुल कोरोना समंक्रमित 3.25 प्रतिशत मरीजों की मौत हो चुकी है। जबकि रिकवरी रेट 32.82 प्रतिशत है। साथ ही कोरोना के मरीजों का डबलिंग रेट लगभग दस दिनों का है।
नई डिस्चार्ज पॉलिसी के पहले के आंकड़े
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में 1 मई को 692, दो मई तो 953, तीन मई को 869, चार मई को 875 लोग ठीक हुए। लेकिन पांच मई से ठीक होने वाले मरीजों की तादाद अचानक से बढ़ी। लेकिन पांच मई को 1399 मरीज ठीक हुए जबकि 6 मई को 1022 और सात मई को 1084 थी।
क्या है नई डिस्चार्ज पॉलिसी
कोरोना के मरीजों के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जो नई डिस्चार्ज पॉलिसी जारी किया है उसके अनुसार केवल कोरोना के अति गंभीर (सीवियर) मरीजों को ही डिस्चार्ज से पहले आरटीपीसीआर टेस्ट से गुजरना होगा बाकि कोरोना के मरीज को केवल दस दिनों में ही मिल सकती है छुट्टी। इसके साथ ही यदि कोरोना के लक्षण आने के दस दिन बाद और तीन दिनों से यदि बुखार नहीं हो तो बिना किसी आरटीपीसीआर टेस्ट के मरीज को मिलेगी छुट्टी।
मरीजों को श्रेणियों में बांटा गया
कोरोना के ऐसे मरीज जो अति गंभीर स्थिति में नहीं है उसे मॉडरेट श्रेणी में डाला गया जिसमें 1. यदि बुखार शुरु होने के तीन दिनों में ठीक हो जाये और अगले चार दिनों आक्सीजन सपोर्ट की जरुरत नहीं पड़े ऐसी सूरत में लक्षण आने के दस दिन बाद बिनी किसी आरटीपीसीआर के डिस्चार्ज किया जा सकता है। बशर्ते की बुखार नहीं और और साथ ही सांस लेने में तकलीफ नहीं हो और आक्सीजन की जरुरत न पड़े। 2. बुखार तीन दिनों में नहीं जाए और आक्सीजन थेरेपी की जरुरत नहींहो तो ऐसे मरीज को लक्षण खत्म होने पर और तीन दिनो तक लगातार आक्सीजन सपोर्ट की जरुरत नहीं पड़े तो डिस्चार्ज किया जाए बिना किसी आरटीपीसीआर टेस्ट के।