गुना : स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट, फर्श पर हो रहा है मरीज़ों का इलाज, कलेक्टर का आदेश भी डाला ठंडे बस्ते में
गुना : मध्यप्रदेश के लगभग सभी जिलों में कोरोना का कहर तो कम हुआ है, लेकिन लगातार बढ़ते डेंगू के मामलों ने चिंता को बढ़ा दिया है। मामला मध्यप्रदेश के गुना ज़िले से सामने आया है, जहां सोमवार को रिकॉर्ड तोड़ डेंगू के मरीज़ मिलने से हड़कंप मच गया। अचानक मिले रिकॉर्ड तोड़ मरीज़ों ने स्वास्थ्य विभाग की पोल भी खोलकर रख दी है, जिला अस्पताल में बेड नहीं होने के कारण मरीज़ों का इलाज ज़मीन पर किया जा रहा है।
जिले में इस वर्ष डेंगू ने पिछले कई सालों के आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया है, हालात यह है कि सोमवार को एक दिन में सबसे अधिक 32 बुखार पीड़ितों की डेंगू की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिसके बाद जिले में अब डेंगू पॉजिटि मरीजों की संख्या 202 हो चुकी है। हालात ये है कि मरीज जिला अस्पताल में फर्श पर इलाज कराने को मजबूर है, उन्हें पलंग तक नसीब नहीं हो पा रहे हैं। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग सोमवार को 79 बुखार पीड़ितों के सैंपल लिए थे, जिसमें से 32 लोगों की रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आई है।
बता दे कि कलेक्टर की स्वास्थ्य विभाग को सख्त हिदायत के बाद भी डेंगू से बचाव को लेकर कोइ खास प्रयत्न नहीं किये जा रहे हैं। कलेक्टर का वह आदेश भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया जिसमें उन्होंने घरों और प्लाट में पानी भरा पाए जाने पर जुर्माना लगाने के निर्देश दिए थे।
इधर, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अभी तक जिन घरों में लार्वा मिला हैं, उनके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई नहीं की है। इससे स्वास्थ्य विभाग के ऊपर भी सवालिया निशान उठ रहे है, क्योंकि कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए जिले में डेंगू की रोकथाम को लेकर महाभियान चला रहे है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि स्वास्थ्य विभाग और नगर पालिका डेंगू पर अंकुश लगाने में विफल साबित हो रही है।