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Finance Minister LIVE:- आर्थिक राहत पैकेज पर निर्मला सीतारमण कर रही हैं चौथी प्रेस कॉन्फ्रेंस, बुनियादी सुधारों पर फोकस

Finance Minister LIVE:- आर्थिक राहत पैकेज पर निर्मला सीतारमण कर रही हैं चौथी प्रेस कॉन्फ्रेंस, बुनियादी सुधारों पर Focus

 नई दिल्ली/ गरिमा श्रीवास्तव:- आज और निर्मला सीतारमण (Niramala Sitaraman)आर्थिक राहत पैकेज पर चौथी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही हैं. इसमें उन्होंने कहा कि भारत निवेश के लिए पहली पसंद है हमें अपने उत्पादों को विश्वसनीय बनाना होगा. इस विश्वव्यापी महामारी के दौरान कई सेक्टर्स मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. 

 विकास के नए क्षेत्रों को लेकर क्या बदलाव करने हैं उसको लेकर यह प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा रही है. प्रधानमंत्री ने पहले ही कहा रीफॉर्म(Reform) परफॉर्म(Perform), ट्रांसफार्म(Transform), के बारे में…

जिसमें सबसे पहले रिफॉर्म पर काम किया जा रहा है. मेक इन इंडिया(Make In India) भारत को आत्मनिर्भर बनाएं. सरकार का फोकस इज ऑफ डूइंग (Is Of Doing)पर रहेगा. संभावनाएं वाले नए सेक्टर पर सरकार का ज़ोर होगा. 

 कोयला उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हमारी कैसे बने इस पर विचार करने की आवश्यकता है. दुनिया के 3 बड़े कोयला संरक्षण में भारत आता है. अब कोयला क्षेत्र में कमर्शियल माइनिंग होगी. जो समय से पहले कोयला खनन की प्रक्रिया को पूरा करता है उसको इंसेंटिव्स मिलेंगे. कोल बेड की खुली नीलामी होगी. कोयला क्षेत्र के लिए 50 हज़ार करोड रुपए का फंड सरकार द्वारा दिया गया. कोयला क्षेत्र में 50 नए ब्लॉक की नीलामी की योजना की गई है. जिसकी खुली नीलामी सरकार कराएगी. कोयला क्षेत्र में सरकार का एकाधिकार खत्म होगा इस क्षेत्र में कमर्शियल माइनिंग होगी. निजी कंपनियों को कोयला सेक्टर में बढ़ावा मिलेगा.

 खनिज सेक्टर में विकास की बड़ी योजना:- 

 500 माइनिंग क्लॉक की नीलामी होगी.

माइनिंग लीज का ट्रांसफर हो सकेगा.

 माइनिंग सेक्टर(Mining Sector) में निजी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा. इससे रोजगार सृजन भी होगा. बनाने के लिए डेवेलप(Develop) किया जाएगा.

 रक्षा उत्पादन में मेक इन इंडिया पर ज़ोर :– 

 Defence में मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा.

 सेना को आधुनिक हथियारों की ज़रूरत नहीं है जो पूरी की जाएगी.

 रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी हथियारों के लिए अलग से Budget तैयार किए जाएंगे.

 हमें रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की आवश्यकता है. आयात नहीं किए जाने वाले उत्पादों की लिस्ट बनेगी.

 रक्षा उत्पाद की गुणवत्ता लाने के लिए मेक इन इंडिया को बल देने की आवश्यकता है. विदेशों पर कम निर्भर रहे इसके लिए भारत में हथियारों बनाने के लिए बढ़ावा दिया जाएगा.

इससे भारत में हथियार बनाने वाली कंपनियों को लाभ मिलेगा. ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का कॉरपोरेटाइजेशन किया जाएगा. ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड का निगमीकरण होगा ताकि बोर्ड के कामकाज में और सुधार हो बेहतर प्रोडक्ट बन सके सेना के हथियार मिल सके दुनिया भर के देशों पर हमारी निर्भरता कम हो हिंदुस्तान के अंदर और रोजगार पैदा हो सकें कंपनी पोस्टिंग करा कर उनकी क्षमता को बढ़ाने का काम किया जा सका. रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी हथियारों के लिए अलग से बजट का ऐलान किया गया. हथियारों के आयात पर Ban लगेगा.

डिफेन्स(Defence) में FDI सीमा 49% से बढ़ा कर 74%की गई. 

PPP Model पर एयरपोर्ट का विकास:-

 हर व्यक्ति के समय को बचाने के प्रयास करने के लिए के लिए हवाई क्षेत्र में एयरपोर्ट के विकास की योजना की गई है. पीपीपी मॉडल से एयरपोर्ट का विकास होगा. एयरस्पेस  बढ़ाने से आमदनी बढ़ेगी. एयरस्पेस बढ़ाने से सीधे तौर पर 1000 करोड रुपए बचेंगे. अभी सिर्फ 60% एयरस्पेस खुला है.

 स्पेयर रिपेयरिंग जो अन्य देशों में जाकर होते हैं, उसमें बदलाव किए गए हैं. इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे इस बदलाव से आठ सौ करोड़ से लेकर 2000 करोड रुपए तक 3 वर्षों में एयरक्राफ्ट की रिपेयर के लिए जो खर्च होता है उसमें भी बचत होगी और जब भारत में ज्यादा से ज्यादा कार्य होने लगेगा तो रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

 

 

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