छात्रों, अभिभावको तथा विपक्ष को आशंका, शिक्षक भर्ती प्रक्रिया टालना चाहती सरकार!
JEE & NEET जरुरी तो , शिक्षक भर्ती प्रक्रिया क्यों जरुरी नहीं
मध्यप्रदेश/भोपाल /भारती चनपुरिया : – कोविड-19(Covid-19) संक्रमण में तेजी के होते हुए भी, छात्रों, अभिभावको तथा विपक्ष के देश में विरोध होने के बाद भी पूरे देश में इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेजों (JEE & NEET ) में दाखिले की जंग चालू हो जाएगी। सरकार इसे छात्रहित में लिया गया फैसला बता रही है। परन्तु इसके साथ ही देश के कई प्रदेशों जिनमें मध्य प्रदेश भी शामिल है, वहां शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर अभी रोक लगी है। वह शिक्षक भर्ती प्रक्रिया जो की 2018 में चालू हुई थी। अभी तक पूरी नहीं हुई है,ऐसे में अब इस शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से जुड़े अभ्यर्थियों को यह भय लगने लगा है कि सरकार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को टालना चाहती है। इसे लेकर तमाम अभ्यर्थी और विपक्ष के नेता इसे मुद्दा बना कर अब सोशल मीडिया पर चर्चा होने लगी हैं।
अब यह सवाल है कि किसी कक्षा में प्रवेश के लिए परीक्षा हो सकती है तो नौकरी के लिए क्यों नहीं।सरकार को इसे रोकने का क्या उदेश है। कुछ लोग इसे शिक्षा के राजनीतिकरण से जोड़ कर मुद्दे को गरमाने में लगे हैं।
1 सितंबर से चालू होने वाली जेईई(JEE) मेंस जिसमें लगभग10 लाख छात्र शामिल होने वाले है, और 13 सितंबर को होने वाली नीट(NEET) जिसमें लगभग16 लाख विद्यार्थी भाग्य आजमाएंगे उसके लिए इतनी तत्परता है तो 2018 में विज्ञापित शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को रोकने के पीछे क्या कारण है। अब तो सब कुछ अनलॉक हो चुका है। ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा भी चालू हो गई है। फिर ये बंदिश क्यों?
आप को बता दें कि 2018 में शिक्षक भर्ती वर्ग एक और दो की भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ हुई। 2019 में नतीजे जारी हुए और 2020 की शुरुआत में मेरिट सूची जारी हो गए थी। प्रक्रिया आगे बढ़ती इससे पहले कोरोना(Corona) संक्रमण ने सब कुछ बाधित में कर दिया। अब पिछले महीने जुलाई में लोक शिक्षण संचालनालय ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से जुड़े अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया चालू कराई। परन्तु अचानक से यह प्रक्रिया पुनः शिथिल पड़ गई।अब इसके पीछे तर्क यह आया कि अभी ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा न होने से अभ्यरिथियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन अब तो वह भी सामान्य हो गया है। ऐसे में अभ्यर्थी सहमें हैं कि सरकार प्रक्रिया को टालने की साजिश तो नहीं रच रही है।
अब अभ्यर्थियों का कहना है कि लॉकडाउन(Lockdown) के बाद बस मालिकों ने विभिन्न मांगों को लेकर संचालन बंद कर रखा था। परन्तु 2 सितंबर से प्रदेश में बसों का संचालन भी चालू हो जाएगा। अब तो सार्वजनिक परिवहन की समस्या भी खत्म हो जाएगी। फिर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया चालू करने में अड़ंगा क्यों और कैसे? हालांकि इस मामले में लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है।
अब कई अभ्यर्थी यहां तक कहने लगे हैं कि उन्होंने तो मान लिया है कि सरकार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया आरंभ नहीं करने वाली। लिहाजा अब तैयारी भी बंद कर दी है, हम लोगों ने।
फैक्ट फाइल : –
30,594 पदों पर भर्ती होनी है स्कूल शिक्षा और आदिमजाति कल्याण विभाग में
50 फीसद पद प्रतीक्षासूची में है
45, 891 अभ्यर्थियों को सत्यापन प्रक्रिया में शामिल होना है