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अमित शाह बोले, नहीं लिया जाएगा कृषि कानूनों को वापस, लिखित में प्रस्ताव देगी सरकार 

नई दिल्ली – केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और 13 किसान नेताओं के बीच कृषि कानूनों को लेकर मंगलवार को एक बार फिर बातचीत हुई, जो बेनतीजा रहीं। दिल्ली स्थित ICAR के गेस्ट हाउस में अमित शाह और 13 किसान नेताओं की बातचीत दो घंटे चली। बैठक से पहले किसान नेता रुदरु सिंह मानसा ने कहा कि बीच का समाधान नहीं है। हम गृह मंत्री से सिर्फ हां या ना की मांग करेंगे। वहीं, गृह मंत्री ने कृषि से जुड़े तीनों कानूनों को वापस लेने से इनकार कर दिया। 

गृह मंत्री अमित शाह से पहले किसान नेताओं की सरकार के साथ अब तक पांच राउंड की बैठक हो चुकी हैं। पांचों ही वार्ता बेनतीजा रही। इन बातचीत में सरकार और किसान अपने-अपने रुख पर अड़े रहे। सरकार जहां कृषि कानून को वापस लेने से इनकार कर रही है तो वहीं, किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। 

हालांकि, सरकार किसानों के सामने संशोधन का प्रस्ताव भी दिया, जिसे किसानों ने ठुकरा दिया था। पांचवें दौर की बैठक के दौरान ही किसान नेताओं ने कहा था कि हमें फैसला चाहिए।  हम हां या ना में जवाब चाहते हैं। चर्चा बहुत हो चुकी हैं। 

इधर, बैठक में शामिल हुए किसान नेता हनन मुल्ला ने कहा कि हनन मुल्ला ने कहा कि सरकार कानून वापस नहीं लेगी। लेकिन लिखित में प्रस्ताव देगी। किसान सरकार के प्रस्ताव पर दोपहर 12 बजे सिंधु बॉर्डर पर बैठक करेंगे। उन्होंने बताया कि सरकार के साथ बुधवार को होने वाली छठे दौर की वार्ता भी स्थगित कर दी गई हैं। 

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