फॉलन आउट अतिथि विद्वानों ने नवनियुक्त उच्च शिक्षा मंत्री से की नियमितीकरण की मांग
फॉलन आउट अतिथि विद्वानों ने नवनियुक्त उच्च शिक्षा मंत्री से की नियमितीकरण की मांग
भोपाल/गरिमा श्रीवास्तव :- मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी के बीच लगातार अतिथि विद्वान अपनी आर्थिक स्थिति से जूझ रहे हैं.. हाल ही में शिक्षा मंत्री पद की शपथ ग्रहण किए मोहन यादव से अब अतिथि विद्वानों ने नियमितीकरण की गुहार लगाई है
. अतिथि विद्वान संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष ने बताया कि बीते 8 महीनों से सभी अतिथि विद्वान अपनी आर्थिक स्थिति से जूझ रहे हैं कितनों की स्थिति तो ऐसी हो गई है कि अब वह मजदूरी करने को मजबूर हैं.. फॉलन आउट अतिथि विद्वानों में से 1150 अतिथि विद्वानों की चॉइस फिलिंग कराई गई थी, पर उसके भी अभी तक कोई रिजल्ट सामने नहीं आए.. पर अगर चॉइस फिलिंग के रिजल्ट भी सामने आते हैं और चॉइस फिलिंग करने वाले फॉलन आउट अतिथि विद्वानों को नियमितीकरण मिल जाता है तो भी करीब 700-800 अतिथि विद्वान सेवा से बाहर रह जाएंगे.. बताते चलें कि करीब 2000 अतिथि विद्वान फॉलन आउट हैं..
अभी तक सेवा में बहाली किसी को नहीं मिल पाई है. शिवराज सिंह चौहान से गुहार करते हुए अतिथि विद्वानों ने कहा कि हमे संविदा के तौर पर ही इस महामारी के दौरान कहीं ना कहीं पर नियुक्त किया जाए.. ताकि इस कोरोनावायरस महामारी के बीच कोई भी अतिथि विद्वान और उसका परिवार भूख की मार ना झेले।
अतिथि विद्वानों ने यह भी कहा कि हम जिन कॉलेज में पढ़ाते हैं वह सभी युवा वोटर हैं. और अगर मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार हमे मेहनत करती है तो हम उन सभी छात्र छात्राओं को प्रेरणा देंगे, कि सरकार सोच समझकर सही चुने।
पिछली कांग्रेस सरकार की शोषणकारी नीतियों की वजह से पांच अतिथि विद्वानों ने खुद को मौत के घाट उतार दिया…
सरकार से यह गुजारिश है कि आने वाले वक्त में स्थिति ऐसी ना उत्पन्न हो कि और भी अतिथि विद्वान आर्थिक तंगी से जूझते हुए मौत के मुंह में समा जाएं।