धार : " सफलता की कहानी " पुस्तक कलेक्टर को भेंट की, कलेक्टर ने कहा बहुत अच्छा
” सफलता की कहानी ” पुस्तक कलेक्टर को भेंट की
कलेक्टर ने कहा बहुत अच्छा , सभी ऐसा करवाएं
धार से मनीष आमले की रिपोर्ट । अपना घर अपना विद्यालय अंतर्गत शासकीय हाईस्कूल , तोरनोद की ” सफलता की कहानी ” नामक पुस्तक को कलेक्टर आलोक कुमार सिंह को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास ब्रजेश चंद्र पांडे ने भेंट की । इस अवसर पर कलेक्टर सिंह ने सफलता की कहानी का अवलोकन कर कहा कि बहुत अच्छा , इसे सभी जगह करवाऐं , कलेक्टर सिंह ये भी कहा कि राज्य शिक्षा केन्द्र के आयुक्त जाटव ने भी तोरनोद की सफलता की कहानी की तारीफ की है।इस मौके पर हाई स्कूल तोरनोद के प्राचार्य डॉ स्मृति रत्न मिश्र भी उपस्थित थे। विदित हो कि विगतदिनों फेसबुक लाइव कार्यक्रम के दौरान राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के आयुक्त लोकेश कुमार जाटव ने भी हाई स्कूल तोरनोद की सफलता की कहानी की प्रशंसा की थी। आदिवासी विकास विकास के आयुक्त ने भी इसे सराहा है और आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय भोपाल की उपायुक्त सीमा सोनी ने प्राचार्य डॉ स्मृति रत्न मिश्र को फोन कर सफलता की कहानी की प्रशंसा की है और पूरे प्रदेश में इस प्रकार की गतिविधि को चलाने के लिए उनसे कार्ययोजना बनाने को कहा है।
यह है सफलता की कहानी में
सफलता की कहानी स्कूल में बनाए गए डिजिलेप ग्रुप व उनकी गतिविधियों पर आधारित है।
ज्ञातव्य हो कि कोविड-19 के चलते मार्च के अंतिम सप्ताह से लॉक डाउन लगने के उपरांत स्कूल बंद होने से अप्रैल माह से ही विभाग के द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई प्रारंभ करवाने के निर्देश दिए गए हैं जिससे कि विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान ना हो सके ।तोरनोद स्कूल में अप्रैल के प्रथम सप्ताह से ही वाट्स एप पर कक्षा नवी व दसवीं के दो डिजिलेप ग्रुप बनाए गए। आसपास के 9 गाँवो के विद्यार्थी जो तोरनोद हाईस्कूल में पढने आते हैं उन्हें ग्रुप में जोड़ा गया है । प्रारंभ में इन ग्रुप पर विद्यार्थियों की संख्या बहुत कम रही लेकिन धीरे धीरे प्रयास करने पर बाद में इसमें बहुत विद्यार्थी जुड़ गए ।वर्तमान में कक्षा नवी के चौरासी प्रतिशत और कक्षा दसवीं के सत्तर प्रतिशत विद्यार्थी डिजीलेप ग्रुप से जुड़कर एंड्रॉइड मोबाइल व दूरदर्शन के माध्यम से सतत अध्ययन कर रहे हैं। इन ग्रुपों पर प्रतिदिन सुबह से लेकर देर रात्रि तक पढ़ाई करवाई जाती है और विभिन्न गतिविधियां भी निर्धारित दिनों में चलती रहती हैं। ग्रुप पर बाकायदा शिक्षकों के द्वारा प्रति शनिवार को टेस्ट भी लिए जाते हैं तथा रविवार को कोई एक प्रतियोगिता जैसे पोस्टर प्रतियोगिता, विज्ञान पहेली, निबंध इत्यादि करवाई जाती है तथा इसमें विजयी विद्यार्थियों को स्कूल खुलने पर पुरस्कृत किया जाएगा।