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BREAKING NEWS: दुनिया के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश में ही महफ़ूज़ नहीं रहा लोकतंत्र, डेमोक्रेसी इंडेक्स में इतने पायदान गिरा

इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस एक ऐसी संस्था है जो विश्व में लोकतान्त्रिक देशों की रैंकिंग जारी करती है इसमें बहुलतावाद, नागरिक स्वतंत्रता, सरकार के कामकाज और सभी तरह की समानता, धार्मिक स्वतंत्रता, समरसता को आंका जाता है। 2018 में जारी रैंकिंग में भारत 41 वें पायदान पर था परन्तु 2019 में जारी रैंकिंग में सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक कहा जाने वाला हमारा देश भारत 10 पायदान फिसलकर 51 वें स्थान पर पहुंच गया है। इकोनॉमिस्ट इंटैलिजेंस यूनिट हर साल डेमोक्रेसी इंडेक्स जारी करता है। शायद हमारी सरकार लोकतंत्र की परिभाषा भूल गयी है जिसे हमारे सबके बापू कहे जाने वाले महात्मा गाँधी जी ने दिया था। तथा हमारी सरकार हर वक्त महात्मा गाँधी के शब्दों का उपदेश देती है शायद सरकार को उनके शब्द पसंद हैं उनके विचार और काम नहीं।  

लोकतंत्र को जानना जरुरी है
भारत की स्वतंत्रता के समय जिस पद्धति को हमने स्वीकारा था उसमे सभी मजहबों और जातियों को समान अधिकार दिया गया था। जिसमें आर्थिक, राजनैतिक और सामाजिक भागीदारी परस्पर सामान रूप से होती हो। हमने उस व्यवस्था को अपनाया जहां एक गरीब भी सत्ता का संचालन कर सकता था। आधुनिक परिदृश्य में जिस सरकार ने भारत को विश्व गुरु बनाने की बात कही, उस पर ये आंकड़े सवालिया निशान खड़ा करते हैं।

वर्तमान भारत में कुछ ऐसे चर्चित एवं विवादस्पद मुद्दे जैसे राम मंदिर, तीन तलाक, यूएपीए, कश्मीर मुद्दा, NRC, CAA और छात्रों के आंदोलन ने भारत की साख पर सवालिया निशान खड़े किये हैं। पिछले दौर में जहां छात्र आंदोलनों से देश को प्रतिष्ठित एवं लोकप्रिय नेता मिलें, वहीं आज के दौर में छात्रों पर हो रही हिंसा, दमनकारी नीति लोकतंत्र पर करारा प्रहार है। लोकतंत्र के मुताबिक एवं संवैधानिक रूप से सभी को शांतिपूर्ण रूप से आंदोलन करने का अधिकार प्राप्त है। देश के कुछ आराजक तत्वों द्वारा एक लोकतान्त्रिक देश में रह रहे विभिन्न मतों के लोगो बीच जहर घोलने का काम कर रहे हैं। एक लोकतान्त्रिक देश किसी खास धर्म को आगे रखकर विश्व गुरु बनने का सपना कभी साकार नहीं कर सकता। डेमोक्रेसी इंडेक्स में भारत 10 पायदान फिसला, 2019 के इंडेक्स में भारत का स्थान 51वां है, इससे पहले 41वें स्थान पर था। देश को चलाने वाली सरकार और लोकतंत्र की बड़ी-बड़ी बातें करने वालों के मुँह पर यह एक जोरदार तमाचा है।

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