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स्वदेशी कोरोना वैक्सीन खतरनाक? ट्रायल टीका लगवाने वाले एक वालंटियर की 9 दिन बाद मौत, पोस्टमार्टम में हुई ये पुष्टि 

भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – 7 जनवरी को भारत बायोटेक और आईसीएमआर द्वारा बनाई गई स्वदेशी कोरोना वैक्सीन (कोवैक्सीन) का फाइनल ट्रायल पूरा हुआ हैं। लेकिन उसके अलगे ही दिन दुखःद खबर सामने आई है जहां राजधानी भोपाल के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में 12 दिसंबर को कोवैक्सीन का ट्रायल टीका लगवाने वाले 47 वर्षीय वाॅलंटियर दीपक मरावी की 21 दिसंबर को मौत हो चुकी हैं। 

दीपक के 18 वर्षीय बेटे आकाश मरावी के मुताबिक 19 दिसंबर को दीपक मरावी की तबीयत बिगड़ी थी। आकाश ने बताया कि पिताजी को 19 दिसंबर को अचानक घबराहट, बैचेनी, जी मिचलाने के साथ उल्टियां होने लगी। अस्पताल चलने को कहा था, लेकिन वे नहीं माने। 21 दिसंबर को जब उनका निधन हुआ, तब वे घर में अकेले थे। पिताजी भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित भी थे।

 बेटे आकाश मरावी के अनुसार शुक्रवार दोपहर को दीपक के मोबाइल फोन पर पीपुल्स मेडिकल कॉलेज की थर्ड फेज क्लीनिकल ट्रायल टीम ने वैक्सीन के दूसरे डोज के लिए फोन किया। यह कॉल मैंने रिसीव किया। उन्होंने टीम को पिता के निधन की फिर से सूचना दी। इसके बाद एग्जीक्यूटिव ने कॉल डिसकनेक्ट कर दिया।

आकाश ने बताया कि डोज लगवाने के बाद सेहत का हाल जानने अस्पताल से फोन आते रहे। 21 दिसंबर को पिताजी के निधन की जानकारी लेने पीपुल्स प्रबंधन से तीन बार फोन आए। लेकिन, संस्थान से कोई भी नहीं आया। 

मिली जानकारी के अनुसार, दीपक मरावी की मौत के अगले दिन 22 दिसंबर को उनके शव का पोस्टमार्टम कराया गया था, जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट में शव में जहर मिलने की पुष्टि हुई हैं। हालांकि मौत कोवैक्सीन का टीका लगवाने से हुई या किसी अन्य कारण से, इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद होगी। फ़िलहाल दीपक के शव का विसरा पुलिस को सौंप दिया गया हैं। पुलिस विसरे का कैमिकल एनालिसिस कराएगी। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी हैं। 

बता दे की देशभर में 26 हजार से ज्यादा लोगों को वैक्सीन का ट्रायल टीका लगाया गया। 

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