पिता की हैवानियत ऐसी की 13 साल की बच्ची हुई गर्भवती
- मध्यप्रदेश के सिहोर की घटना सौतेले पिता ने ही बच्ची से कि हैवानियत
- लगातार कई दिनों तक करता रहा दुष्कर्म
- माँ को झूठे केस में फंसाकर भिजवा दिया था जेल
Bhopal से गौतम कुमार :- क्या कोई अपनी हवस से इतना ग्रसित हो सकता है कि वह 13 साल की बच्ची का दुष्कर्म करें। अगर आप सोच रहे हैं नहीं तो साहब गलत हैं आप यह सब बिल्कुल हो सकता है। यह हुआ है मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के समीप सिहोर की। भोपाल के एक अस्पताल में एक अनोखा मामला आया या यूं कहे कि एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक 13 साल की नाबालिक बच्ची ने एक बच्चे को जन्म दिया है क्योंकि यहां मासूम से हैवानियत करने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका सौतेला बाप था। क्या कोई इतना कुंठित हो सकता है कि अपनी फूल सी बच्ची अपनी बिटिया का बार बार दुष्कर्म करें और इस हद तक करें कि सोच के दिल दहल जाता है।
खबर है भोपाल के जेपी अस्पताल की जहां एक 13 साल की नाबालिग ने एक बच्चे को जन्म दिया बच्ची के बारे में जानने वाला हर व्यक्ति अचंभित था क्यों क्योंकि उसकी उम्र मात्र 13 वर्ष की थी और इससे ज्यादा हैरानी इस बात की थी कि उस पर उस पर बार-बार हैवानियत करने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका सौतेला बाप ही था। जब बच्ची ने लोगों को अपनी आपबीती सुनाई तो सुनने वालों का पूरा माथा हिल गया। माथा हिलना भोजपुरी में एक शब्द है इसका मतलब है आपके मन को झकझोर देने वाली कोई भी बात या एकदम ऊपर से निकल जाने वाली या फिर एकदम अंदर तक छू जाने वाली इस तरीके से छू जाने वाली कि आपके मष्तिष्क पर छा जाए।
मासूम की कहानी उसकी जुबानी
पुलिस को दिए बयान के मुताबिक बच्ची अपने मां के साथ बैतूल में रहती थी। अपने सगे पिता की मौत के बाद मां ने दूसरी शादी कर ली और वह उसे नसरुल्लागंज ले आये। कुछ ही दिनों के बाद उसका सोतेला पिता उसकी मां को मारने लगा और जब माँ घर पर नहीं होती थी तब बच्ची को डरा धमका कर उसे जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ गंदा काम करता था। बच्ची बोली “एक दिन जब वह मेरे साथ ज्यादती कर रहे थे तो माँ ने देख लिया दोनों में उस दिन बहुत लड़ाई हुई इस दौरान पापा ने मां को पीटा और उसके बाद वह घर छोड़ कर चले गए।मुझे लगा कि शायद अब यह मामला यहां खत्म हो जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ “
बच्ची ने आगे बताया कि “जब भी माँ घर पर नहीं होती थी तो पापा घर आकर मेरे साथ ज्यादती करते थे किसी को कुछ बताने पर मारने की धमकी भी देते थे। तभी एक दिन अचानक पुलिस आई और मां को अपने साथ ले गई बाद में पापा ने मुझे बताया कि तुम्हारी मां को मैंने नशे का कारोबार करने का आरोप लगाकर बंद कर दिया है। यहां तक कि पापा ने ही पुलिस को बुलाया था उसके बाद रोज मुंह में कपड़ा ठूंस कर वह मेरे साथ गन्दा काम करते थे। बीच में दो बार मैं उनसे भागकर छिपने में कामयाबी हुई पहले इछावर और फिर आमला ''लेकिन दोनों ही बार उस हैवान ने उस बच्ची को ढूंढ लिया लेकिन एक दिन गलती से वह घर का ताला खुला छोड़ कर चला गया और पड़ोसियों ने उसे देख लिया जब पड़ोसियों ने उसका पेट देखा तो कहा कि बेटी तुम थाने जाओ और मैं उनके साथ थाने आ गई जहाँ सारा मामला दर्ज किया गया |
बच्ची के पिता की हैवानियत का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि वह 13 साल की बच्ची के ऊपर इतना जुल्म किया गया था कि वह अपने बोलने की क्षमता धीरे-धीरे खोती जा रही थी , उसके शब्दों में डर झलक रहा था , उसके शब्द अटक जा रहे थे , वह लड़की हकला रही थी। यह मामला कभी ना खुलता अगर वह बच्ची हिम्मत करके पिता के चंगुल से निकल ना पाती। किशोरी एक दिन किसी तरह पिता के चंगुल से निकली तो पड़ोसियों ने उसकी हालत देखी उसे किसी तरह थाने पहुंचाया। सीहोर पुलिस ने किशोरी को अपने संरक्षण में लेकर उसे बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया। समिति ने 8 दिन पहले बालिका गृह भेजा और किशोरी ने शुक्रवार को बेटे को जन्म दिया फिलहाल मां और बेटे दोनों ही स्वस्थ हैं।
ऐसी मानसिकता रखने वालों पर लगाम लगाने के लिए भले ही न्यायपालिका मौत की सजा सुनाकर इस कृत्य के खिलाफ सख्त रवैया अपनाते दिखाई दे रही है लेकिन ऐसे दरिंदों को आप ना डरा सकते हैं ना धमका सकते हैं इनकी मानसिकता तभी बदली जा सकती है जब आप शिक्षित करें वो भी किताबी नहीं बल्कि व्यावहारिक होनी चाहिए।