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आखिर कब सील होगा ब्रोकन हिल कंपनी का हरगढ़ का प्लांट ???

आखिर कब सील होगा ब्रोकन हिल कंपनी का हरगढ़ का प्लांट ???
 द लोकनीति की स्पेशल रिपोर्ट

धड़ल्ले से प्लांट में चल रहा काम, करोड़ों रुपए के अवैध आयरन ओर का कर रखा है स्टॉक, गिदुरहा की खदान में महीनों से बंद पड़ा है काम 
द लोकनीति डेस्क भोपाल
 सिहोरा मझौली तहसील की सरकारी भूमि पर आयरन ओर का अवैध उत्खनन करने वाली ब्रोकन हिल कंपनी के हरगढ़ स्थित प्लांट को सील करने की बात तो माइनिंग विभाग और प्रशासन के उच्च अधिकारी कर रहे हैं, लेकिन कंपनी के हरगढ़ स्थित प्लांट में अभी भी धड़ल्ले से काम चल रहा है। प्लांट में करोड़ों रुपए का चोरी का आयरन ओर का स्टॉक तो पड़ा है लेकिन अभी तक माइनिंग विभाग और प्रशासन की कोई भी टीम प्लांट में नहीं पहुंची। दूसरी तरफ ब्रोकन हिल कंपनी की गिदुरहा गांव में खदान में महीना से काम बंद पड़ा है। ऐसे में प्लांट में इतना आयरन और का स्टाफ आखिर आया कहां से। 
 मझौली तहसील चन्नोटा गांव में शासकीय भूमि और सिहोरा तहसील के महगवां गांव में आयरन ओर के अवैध उत्खनन को लेकर माइनिंग विभाग लगभग एक सप्ताह पहले कार्रवाई की थी। जिसमें दोनों ही जगहों पर अवैध उत्खनन का काम ब्रोकन हिल कंपनी कर रही थी इस बात की पुष्टि हो गई थी। बावजूद इसके अभी तक ब्रोकन हिल कंपनी के हरगढ़ प्लांट में कार्रवाई की बात तो दूर प्रशासन और माइनिंग विभाग का कोई भी अधिकारी जांच के लिए नहीं पहुंचा। जबकि प्लांट में करोड़ों रुपए का अवैध आयरन ओर का स्टॉक है। क्या प्रशासन और माइनिंग विभाग इस बात का इंतजार कर रहा है कि ब्रोकन हिल कंपनी में रखा अवैध आयरन का स्टॉक रातों-रात गायब कर दिया जाए। 


गिदुरहा की खदान की आखिर क्या होगी जांच ??: इस पूरे मामले में एक बात और सामने आ रही है कि ब्रोकन हिल कंपनी की गिदुरहा जो माइंस स्वीकृत है उसमें करीब एक माह से काम बंद पड़ा हुआ है। अब बड़ा सवाल यह है कि जब माइंस में काम ही बंद है तो प्लांट में जो आयरन ओर आ रहा था वह चोरी का ही होगा। ऐसे में गिदुरहा माइंस में माइनिंग और प्रशासन द्वारा जांच के क्या बिंदु होंगे यह समझ से परे है।
कई प्लांटों में बेचा गया चोरी का आयरन ओर, जांच का अभी तक पता नहीं : चन्नोटा और महगवां गांव से अवैध तरीके से खोदे गए आयरन और को सिहोरा और गोसलपुर क्षेत्र के कई दूसरे प्लांटों में भी बेचा गया। लेकिन आसपास के किसी भी प्लांट में आयरन ओर के स्टाक की जांच के लिए मायने और राजस्व विभाग की टीम अभी तक नहीं गई। जो इस बात की ओर इशारा करती है कि कार्रवाई के बाद प्रशासन का अमला शांत बैठ गया है। 
 क्या सरपंचों की सहमति थी आयरन ओर की चोरी में : आयरन ओर के अवैध उत्खनन को लेकर जहां पुलिस प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय दबंगों की भी बात सामने आई है। अगर दोनों गांव की सरकारी जमीन पर आयरन और का अवैध खनन हो रहा था तो गांव के निर्वाचित जनप्रतिनिधि सरपंच होने इसकी शिकायत पुलिस और प्रशासन से पहले क्यों नहीं की। यदि उन्होंने इसकी शिकायत की थी तो पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई क्यों नहीं की।

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