"वोट डालकर लौटे लोगों से बात करने पर मन टटोला तो सच में चुनाव एकदम आप के पक्ष में नहीं लगा…………"

कलमकार ब्रजेश राजपूत, एबीपी मीडिया संस्थान से जुड़े हैं
भोपाल हवाई अड्डे पर जब सुरक्षा जाँच करने वाले ने ही कैमरा और लाइव यू देखा तो समझ गया दिल्ली जा रहे हैं चुनाव के लिए ? मुसकुराकर जब हमने हाँ में सर हिलाया तो उसका अग़ला सवाल तैयार था, तो क्या होने जा रहा है चुनाव में क्या केजरीवाल जीतेगा ? अब हमसे रहा नहीं गया, हमने कहा आप किसे जीतता देखना चाहते हो तो इस सुरक्षा जवान का जवाब तेयार था जी आप को, उधर विमान में बैठते ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिख गए जो दिल्ली चुनाव में स्टार प्रचारक थे और ख़ूब घूम घूम कर प्रचार किया था। उनके बग़ल के सीट ख़ाली थी सो वहीं अपन जम गए और रास्ते भर बातचीत का मुद्दा था, फिर वही दिल्ली चुनाव।
शिवराज जी के सामने जब हमने आप के सीएम अरविंद केजरीवाल की सरकार के कामों जी तारीफ़ की तो वो बोले, “देखिए दूर बैठकर तो हम भी प्रभावित थे की बहुत काम हुआ है। मग़र यह असलियत से दूर है प्रचार ज़्यादा हुआ है काम उतना नहीं हुआ, हमारी पार्टी ने थोड़ा देर से स्टार्ट लिया मगर माहौल बना दिया और परिणाम आपको चौंका सकते हैं सोच लीजिएगा।”
शिवराज जी ज़मीन से जुड़े मेहनती नेता हे इसलिए उनकी बात को हवा में आप नहीं उड़ा सकते। वैसे भाजपा ने आख़िरी के दिनो में जिस तरीक़े से दिल्ली में प्रचार किया और शहर का कोई कोना नहीं छोड़ा उससे तो आम आदमी पार्टी वाले भी हेरान परेशान हैं। भाजपा के प्रचार तंत्र का इतना हौवा है की सब घबराते हैं।
दिल्ली के हरि नगर से आम आदमी पार्टी के जनरेल सिंह चुनाव लड रहे हें उनके लिए पर्चियों का टेबल लगाकर बेठे सूरिंदर अरोरा कहते हें आप तो मीडिया वाले हो माहौल तो हमारी पार्टी का आपको सब जगह घूमने से लग रहा ही होगा। हमने कहा ज़ी, मगर सूरिंदर इस जवाब से खुश नहीं हुए और कहा मगर बीजेपी से डर बहुत लग रहा है, आख़िरी मौके पर कुछ कर ना दे ! भई साहब ये मशीनों में गड़बडी तो नहीं होती है ना ? ये वो सवाल था जो आप के हर कार्यकर्ता के मन में है।
आप के टेबल के सामने ही कोंग्रेस का टेबल लगा है जिसमें एक दो लोग ही आकर अपनी पर्चियाँ बना कर ले जा रहे हें, जब हमने वहाँ का रुख़ किया तो वहाँ बैठे कार्यकर्ता चहक उठे। मोहिंदर सिक्का जी बोले आप मीडिया वालों को आप पार्टी और बीजेपी से फ़ुरसत ही नहीं है जो हम कांग्रेस की भी बात करें। हमने कहा आपकी पार्टी चुनाव लड़ रही हे या दिखावा ही कर रही है। नही जी पार्टी मेदान में और इस बार खाता भी खोल रही हे हाँ ये कह सकते हो की चुनाव ओके-ओके तरीक़े से लड रही हे इसलिए आपको माहोल नहीं दिख रहा। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के मुक़ाबले यदि सबसे ज़्यादा रौनक और चमक किसी पार्टी की टेबल पर दिखी तो वो बीजेपी के टेबल पर थी। वैसे भी बीजेपी ने अखिरी के दिनों में वापसी की हे और उसके कार्यकर्ता आख़िर तक हार नहीं मानते। बीजेपी के पास पहुँचते ही वहाँ मौजूद सदस्य चाय नाश्ते पेश करने लगे और जब इस ख़ुशी का राज पूछा तो बताया इस बस राम जी और मोदी जी मिलकर बेडा पार लगाने वाले हैं। दोनों की मेहनतरंग ला रही है।
इन पार्टियों से हटकर जब वोट डालकर लौटे लोगों से बात करने पर मन टटोला तो सच में चुनाव एकदम आप के पक्ष में नहीं लगा। लोग बीजेपी के उठाये मुद्दों पर बात करते हें और धर्म के आधार पर हो रहे बँटवारे में बंटे हुए दिखते हैं। मगर इतने सालों का अपना अनुभव बोलता है कि वोटर कहता कुछ है करता कुछ है।
अब वोटर ने किया क्या है आपको और हमको मंगलवार को ही पता चलेगा। देखें किसका मंगल होता है आपका या रामजी के भरोसे बेठे पार्टी वालों का, वैसे टीवी पर चल रहे सर्वे तो आप को बढ़त दिखा रहे हें पहले दिन से।