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Black Fungus : जरूरी इंजेक्शन उपलब्ध नहीं, कालाबाजारी और नकली इंजेक्शन का कारोबार शुरू?

मध्यप्रदेश/भोपाल – कोरोना के बढ़ते कहर के बीच ब्लैक फंगस नई मुसीबत बनता जा रहा हैं। ब्लैक फंगल इंफेक्शन को लेकर सरकार अलर्ट मोड पर हैं। सरकार ने बीमारी की रोकथाम और उपचार के लिए तैयारी शुरू कर दी हैं। 

राजधानी भोपाल में अब तक 70 से ज्यादा लोग इसके शिकार हो चुके हैं। भोपाल में अलग-अलग अस्पतालों में ब्लैक फंगस के 70 से ज्यादा मरीजों का इलाज चल रहा हैं। हमीदिया अस्पताल में सबसे ज्यादा 23 मरीज भर्ती हैं। हमीदिया में 2 दिन में 30 बेड में से 15 बेड मरीजों से भर चुके हैं। 

इसी बीच खबरें आ रही हैं की ब्लैक फंगस के इलाज के लिए जरूरी इंजेक्शन मरीजों को नहीं मिल पा रहा। भोपाल में मरीज इस इंजेक्शन को दूसरे जिलों से लेकर आ रहे हैं। राजधानी के हमीदिया अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए एंटीफंगस लाइपोसोमल, एम्फोटोरेसिन इंजेक्शन बीते 10 दिनों से उपलब्ध नहीं हैं। 

जिसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज को पत्र लिखा हैं। उन्होंने पत्र लिखकर ब्लैक फंगस के लिए जरूरी इंजेक्शन की कालाबाजारी और नकली इंजेक्शन का कारोबार शुरू होने का अंदेशा जताया हैैं।

दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज से अनुरोध किया है कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए जरूरी इंजेक्शन मरीजों को अस्पतालों के जरिए उपलब्ध कराए जाएं। इसकी कालाबाजारी और नकली दवा के कारोबार को रोकने के लिए सरकार सख्त कदम उठाए। सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि इस बीमारी के इलाज के लिए जरूरी एंटी फंगल इंजेक्शन बाजार से गायब हो गए हैं और उनके परिजन भटक रहे हैं। ऐसे में सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए।

गौरतलब है कि कोरोना के संक्रमण में रेमडेसीविर इंजेक्शन की कालाबाजारी और नकली इंजेक्शन लगाने के मामले को लेकर हड़कंप के हालात हैं और ऐसे में अब ब्लैक फंगस के लिए जरूरी एंटीवायरल इंजेक्शन की कमी को लेकर सियासत भी जोर पकड़ने लगी हैं। 

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