प्रदेश के 21 जिलों में फैला Bird Flu का ख़तरा, अंडे और चिकन का कारोबार बुरी तरह से ठप्प
मध्यप्रदेश/भोपाल – कोरोना के बाद अब मध्य प्रदेश में बर्ड फ्लू का खतरा अब तेजी के साथ बढ़ने लगा हैं। प्रदेश के 21 ज़िले इसकी चपेट में आ चुके हैं। प्रदेश के 21 जिलों में पक्षियों की मौत के बाद भेजे गए सैंपल में बर्ड फ्लू होने की पुष्टि हुई हैं। इंदौर, मंदसौर, आगर, खरगोन, सीहोर, देवास ,उज्जैन, नीमच, गुना, खंडवा, शाजापुर ,शिवपुरी, बालाघाट, अशोकनगर, अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, राजगढ़, सतना, बड़वानी में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई हैं। इसके अलावा कुछ और जिलों से भी सैंपल भोपाल भेजे गए हैं। इनकी जांच रिपोर्ट आना बाकी हैं। हालांकि अभी इससे कोई खतरा इंसान की सेहत पर नहीं हैं।
मध्यप्रदेश के अलावा केरल, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई हैं। गुजरात और हरियाणा के कुछ और जिलों से भी सैंपल भोपाल लैब को मिले हैं। इसके अलावा भोपाल की हाई सिक्यूरिटी लैब को छत्तीसगढ़ और झारखंड के रांची से भी सैंपल भेजे गए हैं।
गौरतलब है की प्रदेश में कौवों के बाद बगुला और मुर्गा मुर्गियों तक बर्ड फ्लू का संक्रमण फैलने से हड़कंप के हालात हो गए हैं। हालांकि राज्य सरकार ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि जहां पर पक्षियों की मौत हो रही है वहां पर तत्काल डिसइन्फेक्शन और डिस्पोज करने की कार्रवाई की जाए। जहां पर आशंका है वहां पर सैंपल जुटाकर भोपाल की लैब में जांच के लिए भेजे जाएं।
इधर, पशुपालन संचालक के मुताबिक मुर्गा और मुर्गी में बर्ड फ्लू के लक्षण की जांच की जा रही हैं। फिलहाल अंडा चिकन खाना खतरनाक नहीं हैं। केंद्र सरकार की गाइड लाइन के तहत 70 डिग्री सेल्सियस तक अंडा और चिकन उबालकर इस्तेमाल में लिया जा सकता हैं।
वहीं, एक जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश में अंडा और चिकन का 27 सौ करोड़ से ज्यादा का कारोबार हैं। प्रदेश में चिकन की हर दिन साढ़े तीन सौ क्विंटल और 80 लाख अंडों की खपत हैं। इसमें से चिकन की 60 फ़ीसदी एमपी से और 40 फीसदी आपूर्ति दूसरे राज्यों से आपूर्ति होती हैं। 45 फीसदी अंडा एमपी और 55 फीसदी बाहर से आता हैं। लेकिन बर्ड फ्लू फैलने के कारण अब अंडे और चिकन का कारोबार ठप्प हैं।