Bird Flu : 13 जिलों में हुई इसकी पुष्टि, कुक्कुट पालकों को दिए गए ये निर्देश
मध्यप्रदेश/भोपाल – कोरोना के बाद अब मध्य प्रदेश में बर्ड फ्लू का खतरा अब तेजी के साथ बढ़ने लगा हैं। प्रदेश के 21 ज़िले इसकी चपेट में आ चुके हैं। जबकि अब तक 13 जिलों इंदौर, मंदसौर, आगर, नीमच, देवास, उज्जैन, खडवा, खरगौन, गुना, शिवपुरी, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा में कौओ में बर्ड फ्लू रोग की पुष्टि हो चुकी हैं। इसके अलावा कुछ और जिलों से भी सैंपल भोपाल भेजे गए हैं। इनकी जांच रिपोर्ट आना बाकी हैं। हालांकि अभी इससे कोई खतरा इंसान की सेहत पर नहीं हैं। शनिवार 9 जनवरी तक 27 जिलों से लगभग 1100 कोवों एव जंगली पक्षियों की मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों से 32 सेंपल राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा रोग अनुसंधान प्रयोगशाला NIHSAD भोपाल को जांच के लिए भेजे गए हैं।
वहीं, बर्ड फ्लू का खतरा रोकने के लिए राज्य शासन द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। जबकि, दूसरी तरफ शासन द्वारा गाइड लाइन भी जारी कर दी गई हैं। गाइड लाइन के अनुसार, पीपीई किट पहनना अनिवार्य हैं।
इसके अलावा कुक्कुट पालकों में अनावश्यक भ्रम या भय की स्थिति उत्पन्न न होने देने तथा अफवाहों से सावधान रहने तथा कुक्कुट उत्पादों के उपयोग के संबंध मे तथ्यात्मक जानकारी प्रदान करने हेतु निर्देश जारी किए गए हैं। समस्त जिलों में रोग नियंत्रण की कार्यवाही भारत सरकार की एडवाइजरी अनुसार की जा रही हैं।
बता दे की मध्यप्रदेश के अलावा केरल, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई हैं। गुजरात और हरियाणा के कुछ और जिलों से भी सैंपल भोपाल लैब को मिले हैं। इसके अलावा भोपाल की हाई सिक्यूरिटी लैब को छत्तीसगढ़ और झारखंड के रांची से भी सैंपल भेजे गए हैं।
गौरतलब है की प्रदेश में कौवों के बाद बगुला और मुर्गा मुर्गियों तक बर्ड फ्लू का संक्रमण फैलने से हड़कंप के हालात हो गए हैं। हालांकि राज्य सरकार ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि जहां पर पक्षियों की मौत हो रही है वहां पर तत्काल डिसइन्फेक्शन और डिस्पोज करने की कार्रवाई की जाए। जहां पर आशंका है वहां पर सैंपल जुटाकर भोपाल की लैब में जांच के लिए भेजे जाएं।
इधर, एक जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश में अंडा और चिकन का 27 सौ करोड़ से ज्यादा का कारोबार हैं। प्रदेश में चिकन की हर दिन साढ़े तीन सौ क्विंटल और 80 लाख अंडों की खपत हैं। इसमें से चिकन की 60 फ़ीसदी एमपी से और 40 फीसदी आपूर्ति दूसरे राज्यों से आपूर्ति होती हैं। 45 फीसदी अंडा एमपी और 55 फीसदी बाहर से आता हैं। लेकिन बर्ड फ्लू फैलने के कारण अब अंडे और चिकन का कारोबार ठप्प हैं।