किसान आंदोलन:- चलो एक काम करते हैं, शर्म हया को दफ़न करते हैं !! बूढी दादी बिलकिस बानो को पुलिस ने किया गिरफ्तार

किसान आंदोलन:- चलो एक काम करते हैं, शर्म हया को दफ़न करते हैं !! बूढी दादी बिलकिस बानो को पुलिस ने किया गिरफ्तार
नई दिल्ली/गरिमा श्रीवास्तव :- देशभर के किसान 26 नवंबर से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं कल सरकार की तरफ से तीन मंत्रियों ने किसानों से चर्चा की पर कोई भी हल नहीं निकल पाया क्योंकि किसान अपनी बात पर अडिग हैं. आज वही तीनों मंत्रियों ने अमित शाह से चर्चा की है.
इसी बीच कल बिलकिस दादी जो सीएए प्रोटेस्ट में शाहीन बाग में शामिल थी वह किसानों से मिलने सिंधु बॉर्डर गई पर इस दौरान पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया..
ऐसा नहीं है कि बिल्किस दादी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चले प्रदर्शन के दौरान केवल खास मौकों पर ही नजर आई थीं. वे सुबह से लेकर रात तक ही धरना देती दिखाई दी थीं. उन्होंने इस विरोध पर अंत समय तक बने रहने की बात की थी.
सोमवार की रात सोशल मीडिया पर बिल्किस दादी (Bilkis Dadi) का एक वीडियो वायरल (Viral Video) हो रहा था. वीडियो में दादी किसानों के किसी प्रदर्शन स्थल पर दिखाई दे रहीं थी. दादी के साथ चल रहे लोग वीडियो में कहते हुए सुने जा रहे थे कि यूपी से लौटते हुए वो किसानों का हालचाल लेने के लिए रुके हैं
सरकार की शोषणकारी नीतियों और सरकार के सेवक बने फिर रहे पुलिस को जरा भी शर्म नहीं आई कि उन्होंने महज किसानों से मिलने जा रही एक बुजुर्ग महिला को गिरफ्तार कर लिया.
किसानों का कहना है कि कृषि कानून डेथ वारंट जैसा है. अब 3 दिसंबर यानि कल कृषि कानूनों के हर मुद्दों पर एक एक कर विस्तार से बात किया जाएगा. कृषि कानूनों की खामियों की सूची बनाकर किसान नेता केंद्र सरकार को सौंपेंगे.
इसके साथ ही जो किसान किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए उन किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग भी की गई है..
अब देखना यह होगा कि कल की बैठक में किसानों को लेकर क्या निष्कर्ष निकाला जाएगा..
हालांकि किसानआंदोलन जारी रखने के लिए 6 महीने का सामान अपने साथ लेकर आए हैं.
किसान संगठन के नेताओं से कल सरकार के तीन नेताओं ने 3 घंटे की चर्चा की पर 3 घंटे की बातचीत बेनतीजा रही.
कल कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के 32 संगठन के नेताओं को बुलाया था. इस मीटिंग के दौरान सरकार कृषि कानून पर अपने प्रेजेंटेशन दिखाकर फायदे गिना रही थी पर किसान अपनी बात पर अड़े रहे.
किसानों का कहना है कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए…
मीटिंग में किसानों ने कहा कि हम कुछ तो हासिल कर ही लेंगे भले गोली हों या फिर शांतिपूर्ण हल…
जब किसानों को सरकार द्वारा चाय ऊपर की गई तो उन्होंने कहा कि हमें चाय नहीं चाहिए हमारी मांगे पूरी की जाए, बल्कि आप हमारे धरना स्थल पर आइए हम आपको जलेबी खिलाएंगे.
इस मीटिंग में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोमप्रकाश मौजूद रहे.. सभी ने किसानों को समझाने की कोशिश की पर किसान का नाम वापस लेने की जिद पर अड़े रहे.
वहीं कृषि कानून के खिलाफ ग्वालियर से दिल्ली की तरफ किसान कूच कर रहे हैं.