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भोपाल : प्रदेश की शिक्षा पड़ी ठप दौरे और तबादलों में व्यस्त शिवराज, प्रदेश के मुखिया नहीं है गंभीर ढाई लाख लोगों की रोजी-रोटी पर मडरा रहा संकट

भोपाल : प्रदेश की शिक्षा पड़ी ठप दौरे और तबादलों में व्यस्त शिवराज, प्रदेश के मुखिया नहीं है गंभीर ढाई लाख लोगों की रोजी-रोटी पर मडरा रहा संकट
14 दिसम्बर को संचालक करेंगे सीएम हाउस तक मार्च, 15 को बंद रहेंगे ऑनलाइन क्लासेस !
भोपाल/राजकमल पांडे।
जहां एक ओर प्रदेश की शिक्षा ठप है तो दूसरी ओर ढाई लाख लोगों की रोजी-रोटी पर भी अब संकट के बादल छाने लगे हैं. कोरोना काल से पिछले नौ महीने से प्रदेश के स्कूल-काॅलेज बंद पडे हैं. शिक्षकों का वेतन तो बाधित है ही साथ बच्चों की पढ़ाई भी बंद पड़ा है. अभिभावक ऑनलाइन क्लासेस के लिए सहमत नहीं हो रहे हैं. व साथ ही संस्थाओं से जुड़े टीचिंग एवं नाॅन टीचिंग स्टाॅफ मिलाकर प्रदेश के 2.5 लाख कर्मचारी और उनके परिवार के समाने रोजी-रोटी का संकट विकराल हो गया है. शैक्षणिक संस्थाओं से जुडे 25 संगठनों ने एकजुट होकर सरकार से स्कूल-काॅलेज दोबारा शुरू करने की मांग कर रहे हैं. और चेतावनी भी दे रहे हैं कि अगर मांग नहीं मानी जाती है, तो वह 14 दिसम्बर को सीएम आवास तक मार्च निकालेंगे व 15 दिसम्बर को ऑनलाइन क्लासेस भी बंद रखेंगे।
गौर तलब है कि 40 हजार प्राइवेट स्कूल है मप्र में व 40 यूनिवर्सिटीज 1 हजार तकनीकी बीए, नर्सिंग काॅलेज तथा 2.5 लाख टीचिंग व नाॅन टीचिंग स्टाॅफ इन सब के ठप होने की वजह है कोरोना जिसके मद्देनजर सरकारों ने पिछले 9 माह से इन्हें बंद रखने के निर्देश दिए हैं. 
निजी स्कूल-काॅलेज संगठनों के संचालकों की मांग
वहीं उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब समेत अन्य राज्यों में स्कूल काॅलेज खुल गए हैं. अपितु मध्यप्रदेश में 31 मार्च तक 1 से 8 तक के स्कूल बंद करने का निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिया हैं. समझ नहीं आता कि आखिर मध्यप्रदेश सरकार इस मामले में गंभीर क्यों नहीं जबकि शिक्षण संस्थान नही खुलने से बच्चों को एकेडमिक लाॅस नही हो रहा है. संस्थाओं का कहना है कि बात फीस की नही है. सवाल शिक्षा व्यवस्था का है जिसको लेकर प्रदेश सरकार गंभीर नहीं हैं. कम से कम प्रोफेशनल्स इंस्टीट्यूट्स खोलने की अनुमति दी जाए अगर अनुमति नहीं दी जाती है तो टीचिंग, नाॅन टीचिंग स्टाफ के वेतन का भुगतान शासन द्वारा किया जाए क्योंकि बिना सोचे समझे लिया गया है. और 31 मार्च तक 1 से 8 तक के स्कूल बंद रखे जाने का निर्णण सरकार त्वरित ही वापस ले। केन्द्र व राज्य की एसओपी के अनुसार 9 वीं से 12 वीं तक के स्कूल तुरंत खोले जाएं. व नियमित कक्षाओं के साथ ऑनलाइन कक्षाएं चलाने की बाध्यता खत्म की जाए. और एक से आठ वीं तक के स्कूल जनवरी से खोले जाएं. अगली कक्षा में प्रोन्नति ऑफलाइन एवं ऑनलाइन किया जाए.

निजी से लेकर सरकारी स्कूल-काॅलेज एवं विश्वविद्यालय के सवाल
आपको बता दें कि प्ले स्कूलों से लेकर छोटे-बडे स्कूल, निजी काॅलेज एवं विश्वविद्यालय के संचालक शामिल हैं. राजधानी सहित प्रदेश भर के संचालकों ने राज्य सरकार से सवाल किए हैं. सभी संस्थाओं के संचालकों ने अपने-अपने तर्क रखे
 

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