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भोपाल : बदहाल इमारतें नगर निगम की नजर में सेफ, अगर गिरी तो बड़े हादसे से नहीं किया जा सकता इनकार 

मध्यप्रदेश/भोपाल : नगर निगम की सूची में शहर में 242 जर्जर भवन हैं, लेकिन न्यू मार्केट में को ऑपरेटिव बैंक के पास की यह बिल्डिंग इस सूची से बाहर हैं। नगर निगम का तर्क है कि उन्हें बिल्डिंग का निरीक्षण नहीं करने दिया गया, इसलिए इसे सूची में शामिल नहीं किया गया हैं। 

बता दे कि जर्जर भवन की सूची में शामिल होने के बाद भी निगम केवल हर बरसात में नोटिस जारी करके अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने के अलावा और कोई काम नहीं करता। जानकारी के अनुसार नगर निगम ने 5 साल पहले शहर में जर्जर भवनों का ग्राउंड सर्वे किया था। उसके बाद हर साल उसी सूची के आधार पर फौरी तौर पर निरीक्षण करके कांट-छांट करके नोटिस दे दिए जाते हैं।

बताया जा रहा है कि न्यू मार्केट में को ऑपरेटिव बैंक के पास बनी इस बिल्डिंग के ऊपरी हिस्से कई साल पहले ही खाली करा लिए गए है, नीचे खादी इंडिया का दफ्तर चल रहा है और पिछले हिस्से में 6-7 परिवार रहते हैं। मेन रोड पर स्थित यह बिल्डिंग यदि गिरी तो बड़े हादसे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

वहीं, इस मामले में नगर निगम के चीफ इंजीनियर पीके जैन का कहना है कि निगम हर साल सर्वे करके नोटिस देता हैं। ज्यादातर जर्जर भवनों में कई तरह के विवाद व कोर्ट केस सामने आते हैं, इसलिए कार्रवाई में दिक्कत होती हैं। निगम ने इस साल अपने स्वामित्व वाले भवनों का रिकंस्ट्रक्शन शुरू किया हैं। 

यह भी जर्जर की सूची में

  • निगम कॉलोनी बैरसिया रोड
  • नवबहार सब्जी मंडी, नादरा बस स्टैंड और जोन कार्यालय का हो रहा रिकंस्ट्रक्शन
  • पांच नंबर मार्केट के ऊपर बना तीन मंजिला भवन
  • पुराना आरटीओ कार्यालय, शाहजहांनाबाद।
  • ओल्ड सुभाष नगर में दो ब्लॉक
  • निगम कॉलोनी माता मंदिर
  • नगर निगम कर्मचारियों के फतेहगढ़ के मकान-36

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