3700 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी, 11 राज्यों के 100 से अधिक ठिकानों पर CBI की छापेमार कार्यवाई, सिद्धपाल सिंह भदौरिया की कंपनी का नाम भी शामिल
मध्यप्रदेश/भोपाल – सेंट्रल ब्यूरो आफ इंवेस्टीगेशन (CBI) की टीम ने 11 राज्यों के 100 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की हैं। CBI ने 3700 करोड़ रुपए के 30 से ज्यादा बैंक धोखाधड़ी मामलों में गुरुवार को ये छापेमार कार्यवाई की गई। जिन शहरों में छापेमारी की गई है, यह सभी शहर 11 राज्यों में आते हैं। इनमें मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और निवाड़ी जिले शामिल हैं। इनके अलावा कानपुर, दिल्ली, गाजियाबाद, मथुरा, नोएडा, गुड़गांव, चेन्नई, तिरुवरूर, वेल्लोर, तिरुपुर, बेंगलुरु, गुंटूर, हैदराबाद, पश्चिमी गोदावरी, सूरत, मुंबई, तिरुपति, विशाखापत्तमन, अहमदाबाद, राजकोट, करनाल, जयपुर और श्रीगंगानगर आदि में की गईं।
गुरुवार को सीबीआई की यह कार्रवाई 3700 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी के चलते यह कार्रवाई की। देर रात तक भोपाल और निवाड़ी जिले में छापेमारी जारी थी। इस मामले में 30 एफआईआर दर्ज हुई हैं। जल्द ही जानकारी सामने आने वाली हैं। भोपाल के दो बैंकों में 200 करोड़ का फर्जीवाड़ा सामने आया हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा में ज्योति पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा 196 करोड़ के फर्जी लोन मामले में एफआईआर दर्ज की थी। जबकि, इसके दस्तावेजों की जांच के बाद सीबीआई ने अहमदाबाद में 4 और राजकोट में 1 ठिकाने पर छापेमारी की हैं। वहीं इंडियन ओवरसीज बैंक से सिद्धपाल सिंह भदौरिया की कंपनी ने प्रॉपर्टी के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 4 करोड़ का लोन लिया था। इंडियन ओवरसीज बैंक ने सीबीआई से इसकी शिकायत की थी।
इन शिकायतों के आधार पर जांच एजेंसी ने सिद्धपाल सिंह के भोपाल और निवाड़ी में पैतृक आवास पर छापेमारी की हैं। इसके साथ ही तत्कालीन बैंक मैनेजर सतीश चंद्र अग्रवाल के आवास की सर्चिंग किए जाने की बात सामने आ रही हैं।
सीबीआई के मुताबिक छापेमारी के दौरान विभिन्न दस्तावेज और अन्य सामग्री/डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए हैं। सीबीआई ने बताया कि विभिन्न बैंकों से कई शिकायतें मिली हैं, जिसमें धोखाधड़ी, लोन डिफॉल्ट, ऋण/क्रेडिट सुविधा प्राप्त करते समय फर्मों द्वारा फर्जी/जाली दस्तावेज प्रस्तुत करना आदि जैसे आरोप लगाए गए हैं।
सीबीआई के मुताबिक कई कंपनियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंकों से करोड़ों रुपए का लोन लिया था, बाद में इन कंपनियों के खाते एनपीए हो गए। एनपीए बैंक का वह कर्ज है जो डूब गया है और जिसकी रिकवरी की उम्मीद न के बराबर हो उसे एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) कहा जाता हैं। शिकायत करने वाले बैंकों में एसबीआई, बैंक आफ बड़ौदा, पीएनबी, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक आफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, केनरा बैंक, इंडियन बैंक और सेंट्रल बैंक आफ इंडिया शामिल हैं। इन बैंकों ने अलग-अलग फर्म्स के फ्रॉड को लेकर शिकायतें की थी।