सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने पहली प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि भारतीय फ़ौज में अफ़सरों की कमी बरक़रार है.
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने पहली प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि 'भारतीय फ़ौज में अफ़सरों की कमी बरक़रार है'.
भारतीय सेना के पास अधिकारियों की बेहद कमी है और ये पद भर नही पा रहे. ये बात हम नही बल्कि भारत के नए सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने पद ग्रहण करने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा.जी हां उन्होनें कहा कि 'भारतीय फ़ौज में अफ़सरों की कमी बरक़रार है'.'भारतीय सेना में अफ़सरों की कमी इसलिए नहीं है कि लोग आवेदन नहीं कर रहे हैं, बल्कि इसलिए है कि सेना ने अफ़सर चुनने के अपने मानकों को अब तक नीचे नहीं किया है.' समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार नरवणे ने कहा कि 'वे भारतीय फ़ौज में संख्या से ज़्यादा गुणवत्ता को अहमियत देंगे'. भारतीय सेना प्रमुख के इस बयान की सोशल मीडिया पर काफ़ी चर्चा हुई और कई रिटायर्ड अफ़सरों ने उनके इस बयान की जमकर तारीफ भी की है
अफसरों की कमी
बता दें कि अगस्त 2018 में प्रेस सूचना विभाग ने भारतीय रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया था कि 1 जनवरी 2018 तक भारतीय सेना के पास 42 हज़ार से अधिक अफ़सर थे और 7298 सैन्य अफ़सरों की कमी थी. इसके एक साल बाद समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि यह संख्या बढ़कर 7399 हो गई है. यानी भारतीय फ़ौज में लेफ़्टिनेंट या उससे ऊपर के पद के जितने अफ़सरों की ज़रूरत है, उसमें 100 अधिकारी और कम हो गए हैं. भारतीय नौसेना और वायुसेना में भी अफ़सरों की कमी है. पर थल सेना में अफ़सरों की कमी उनसे कई गुना ज़्यादा है.