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कोरोना महामारी के बीच शिवराज सरकार के खिलाफ फूटा इन स्वास्थ्यकर्मियों का गुस्सा

कोरोना महामारी के बीच शिवराज सरकार के खिलाफ फूटा इन स्वास्थ्यकर्मियों का गुस्सा

सीधी/ गौरव सिंह:-. प्रदेशभर के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने 2 साल पूर्व बनाई गई नीति को लागू करने मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर दिया है। इसके तहत पहले दिन स्वास्थ्यकर्मी आधी-आधी रोटी लेकर स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचे और सेवाएं दी।संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ सीधी के जिलाध्यक्ष राजीव गौतम के नेतृत्व में जिले व ब्लॉक स्तर में आधी रोटी व थाली के साथ प्रदर्शन कर विरोध जताया गया। कोरोना काल में दिन-रात जंग लड़ रहे, प्रदेश भर के 19,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी जिसमें संविदा चिकित्सक, नर्स, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन व प्रबंध इकाई ऑपरेटर, आयुष, एड्स, टीबी योजना के समस्त कर्मचारी शामिल हुए।
प्रदेश सरकार द्वारा नियमितीकरण न करने व 5 जून 2018 की सामान्य प्रशासन की संविदा नीति के दो साल बाद भी हालात में कोई सुधार न होने से नाराज संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने यह आंदोलन शुरू किया है। उनका कहना है कि कोरोना काल में ड्यूटी के दौरान 6 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की आकस्मिक मृत्यु हो गई। लेकिन प्रदेश सरकार के स्तर से किसी भी संविदा स्वास्थ्यकर्मी के परिजनों को न स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिला न ही अनुकंपा नियुक्ति ही दी गई। उन्होंने कहा कि जून 2018 में लागू सामान्य प्रशासन की संविदा नीति को अब तक मूर्त रूप नहीं दिया जा सका है। इससे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों में सरकार के प्रति आक्रोश बना हुआ है।
उनका कहना है कि संविदा स्वास्थ्यकर्मी तो मुख्यमंत्री कोविड-19 कल्याण योजना के लाभ से भी वंचित हैं। योजना के तहत उन्हें 10,000 रुपये अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि अभी तक नहीं दी गई। ऐसे में हम सभी बिना बीमा, पेंशन, अनुकंपा, सामाजिक सुरक्षा, महागाई, दैनिक भत्ता कुछ भी नहीं मिल रहा। उल्टे हम लोग नियमित की तुलना में आधे वेतन पर काम कर रहे है।
संघ ने सरकार पर आरोप लगाया है कि मौजूदा शिवराज चौहान सरकार अपनी ही सरकार द्वारा निर्मित और पारित नियमों का पालन कराने में पूर्णत: नाकाम और असफल है।

आंदोलन के तहत रीवा सहित प्रदेश भर में सभी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने थाली में आधी रोटी के साथ अपने-अपने कार्यस्थल पर प्रदर्शन किया।” -राजीव गौतम, जिला अध्यक्ष, संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ 

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