हमीदिया चिकित्सालय की लाचार व्यवस्थाएं देखकर बोले मंत्री विश्वास सारंग, पूरा अस्पताल राम भरोसे चल रहा है

भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – शनिवार को चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने हमीदिया चिकित्सालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ख़राब व्यवस्थाओं को देखर नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि यहां किसी को पता ही नहीं है कि फायर सिस्टम कैसे चालू करना हैं। दवाई कम है तो क्या करना हैं। मरीज़ परेशान हो रहे है, लेकिन किसी को कोई चिंता नहीं हैं। अस्पताल की व्यवस्थाएं बहुत लाचार है, पूरा अस्पताल राम भरोसे चल रहा हैं। मुझे 2 दिन में स्पष्टीकरण चाहिए कि व्यवस्थाएं इतनी ख़राब क्यों हैं?
ब्लड बैंक और कोविड यूनिट के पास गुटखा थूका हुआ मिला। दीवारों पर भी धूल जमी हुई थी। कचरे के ढेर लगे थे। इस पर मंत्री ने अस्पताल की सफाई और सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभालने वाली फर्म यूडीएस के अधिकारियों को फटकार लगाई।
इसके बाद हमीदिया प्रबंधन ने यूडीएस को नोटिस देकर 2.80 लाख रुपए का जुर्माना लगाया हैं। इधर अस्पताल में लगाए गए फायर फायटर सिस्टम से पानी लीक हो रहा था। यूडीएस के कर्मचारियों से पूछताछ की तो उन्होंने कहा कि इसकी जिम्मेदारी पीआईयू की हैं। पीआईयू वालों का कहना था कि वे पूरा सिस्टम मैनेजमेंट के सुपुर्द कर चुके हैं। इस पर मंत्री ने नाराजगी जताई।
इसके अलावा हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों को अब मरीज के पर्चे पर अपने नाम की सील लगानी होगी और अपना मोबाइल नंबर भी लिखना होगा। यह आदेश भी चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने दिए। मंत्री सारंग का कहना था कि पर्चे पर डॉक्टर का नाम व मोबाइल नंबर लिखा होने से मरीज को यह पता रहेगा कि उसे किस डॉक्टर ने देखा हैं। परेशानी में वह उनसे दोबारा संपर्क कर सकेगा।
उन्होंने दवा वितरण केन्द्र में निर्धारित 268 दवाओं की निरंतर उपलब्धि सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। सारंग ने कहा कि आम मरीज को ओडी एवं बीडी समझ में नहीं आता है, इसके स्थान पर सुबह, दोपहर, शाम जैसे भी दवा लेनी हो हिन्दी में लिखें। उन्होंने कहा यह व्यवस्था प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में लागू होगी।
मंत्री सारंग ने कहा कि हमीदिया अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा शासकीय अस्पताल है, जहाँ रोज 3 हजार के लगभग मरीजों की आमद होती हैं। मरीजों को असुविधा न हो, इसके लिये सम्पूर्ण प्रक्रिया का सरलीकरण किया जायेगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कहा कि व्यवस्थाओं को और चुस्त-दुरुस्त बनायें, ताकि कोई मरीज परेशान न हो। सारे पर्चे एक ही जगह बनें। उन्होंने ओपीडी में भोपाल और आसपास के जिलों से आये मरीजों और उनके परिजनों से बात भी की।