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 खालिस्तान से जुड़े मिले किसानो के प्रदर्शन भड़काने वाली " टूलकिट " के तार , एक्टिविस्ट दिशा हुई गिरफ्तार…  

 खालिस्तान से जुड़े मिले किसानो के प्रदर्शन भड़काने वाली ” टूलकिट ” के तार , एक्टिविस्ट दिशा हुई गिरफ्तार…  

नई दिल्ली/ राजेश्वरी शर्मा:  केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन भड़काने वाली ‘टूलकिट’ सोशल मीडिया पर साझा करने की आरोपी एक्टिविस्ट दिशा रवि (21) को गिरफ्तार किया गया है। उन्हें दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के दल ने शनिवार को गिरफ्तार किया। इसके बाद दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया… 

दिशा को किसान नेता और  दिग्गज काँग्रेस नेताओ का समर्थन मिला | किसानो ने दिशा पर लगे आरोपों को गलत बताया और दिशा के निर्दोष होने का दावा किया| दिशा कोर्ट में रौ पड़ीं। उनका कहना था कि उन्होंने ‘टूलकिट’ तैयार नहीं की। केवल तीन फरवरी को  इसमें उसने दो एडिट किए थे।

कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने यह बताया की दिशा रवि प्रदर्शनों को हवा देना वाली और भारत सरकार के खिलाफ बड़ी साजिश का हिस्सा है। इसी के चलते पुलिस ने ‘टूलकिट’ मामले में चार फरवरी को अज्ञात लोगों पर साजिश, राजद्रोह व अन्य आरोप में आईपीसी धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। पुलिस को शुरुआती जांच से पता चला कि दस्तावेज के तार खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ से जुड़े हैं। फाउंडेशन ने खुद को किसान आंदोलन के दौरान सबसे अधिक सक्रिय बताया है। #AskIndiaWhy का होम पेज सिखों के संप्रभुता की  बात कहता है। इसके साथ ही इसके पेज पर कई ऐसे लिंक हैं जो खालिस्तान समर्थित पेज से जुड़े हैं। ऐसा ही एक लिंक है जिसका नाम है, 'हू स्पीक फॉर खालिस्तान : नैरेटिंग सिख लिबरेशन एंड जंग हिंद पंजाब'। 

पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा ने साझा की थी ये ‘टूलकिट’…

दुनियाभर में पहचान बना चुकीं स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने 4 फरवरी को यह ‘टूलकिट’ ट्विटर पर साझा की थी। यानी दिशा के मुताबिक जब उन्होंने ‘टूलकिट’ को संपादित किया, उसके बाद। इसमें किसान आंदोलन को देश-विदेश के हर कोने में समर्थन देने के सुझाव हैं। इसमें दावा किया गया कि भारत में किसानों की स्थिति बहुत खराब है। लिहाजा, जो जैसे मदद कर सकता हो करे। रैली, प्रदर्शन, धरना, पोस्टर, तन-मन-धन, जैसे भी हो।

पुलिस का दावा – गणतन्त्र दिवस पर हिंसा टूलकिट के अनुसार 

दिल्ली पुलिस का दावा है कि ‘टूलकिट’ में दर्ज दिशा-निर्देशों के मुताबिक गणतंत्र दिवस पर हिंसा हुई। ट्रैक्टर रैली में भीड़ को गुमराह किया गया। ‘टूलकिट’ में एक जगह पर लिखा है कि 23 जनवरी के बाद ट्वीट के जरिए तूफान खड़ा करना है। हैशटैग के जरिए डिजिटल हमला करना है। फिर 26 जनवरी को आमने-सामने की कार्रवाई। 

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