छत्तीसगढ़ : नक्सलियों के चंगुल से अपने आरक्षक पति को अकेले छुड़ा लाई यह दिलेर पत्नी
- 6 दिन से अगवा जवान की जान बचाने नक्सलियों की जन अदालत पहुंच गई पत्नी, बचा लाई अपने पति को
बीजापुर
नक्सलियों ने 4 मई को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से एक जवान का अपहरण कर लिया था। 6 दिनों तक जवान नक्सलियों के कब्जे में रहा, नक्सली जवान के आँखों मे पट्टी बांध उसे जंगलों में घुमाते रहे। जवान की पत्नी अपने पति की रिहाई के लिए दर-दर भटकती रही। आखिरकार पत्नी कुछ पत्रकारों के साथ नक्सलियों के जन-अदालत तक पहुंच गई और अपने पति को सुरक्षित वापस ले आई।
बीजापुर जिले के भोपालपट्टनम में पुलिस आरक्षक के पद पर तैनात संतोष कट्टम 4 मई को गोरना गांव में मेला देखने गए थे। यहीं नक्सलियों ने उनका अपहरण कर लिया था। नक्सली जवान की आंखों में पट्टी बांध उसे अपने गढ़ में ले गए। जहां जवान संतोष कट्टम अपनी मौत का इंतजार करता रहा। इधर संतोष की पत्नी सावित्री अपने पति की जान बचाने दर-दर भटकती रही।
इस दौरान बीजापुर के कुछ पत्रकार संतोष की रिहाई के लिए आगे आये। उन्हें खबर मिली कि सोमवार को नक्सली संतोष को सजा देने जन अदालत लगा रहे हैं। नक्सलियों के गढ़ में लगी इस जन-अदालत में पत्रकारों के साथ सावित्री भी पहुंच गई। उनके साथ उनकी 10 साल की बेटी भी थी। सावित्री ने नक्सलियों से अपने पति की जान की गुहार लगाई। आखिरकार नक्सलियों ने संतोष से पुलिस की नौकरी छोड़ने का वादा लेते हुए उसे रिहा कर दिया।
नक्सलियों की इस जन अदालत में आस-पास के गांवों से डेढ़ हजार से अधिक ग्रामीण पहुंचे हुए थे। इस पूरे अपहरण की घटना को नक्सलियों की गंगालूर एरिया कमिटी ने अंजाम दिया था। नक्सली नेता दिनेश मोडियाम ने कहा है कि आरक्षक संतोष अब पुलिस की नौकरी छोड़ खेती-बाड़ी कर अपना जीवन-यापन करेगा।