Indore : हॉस्पिटल से भागे शख्स ने पूरे परिवार समेत 12 लोगों को किया संक्रमित
Bhopal Desk ,Gautam Kumar
इंदौर में एक शख्स की वजह से 12 लोग संक्रमित पाए गए हैं। यह शख्स संक्रमित होने के बावजूद हॉस्पिटल से भाग गया था ,जिसके बाद इसने अपने पूरे परिवार सहित एक किराएदार को भी संक्रमित कर दिया।
आज हुई दो मौतें
इंदौर में गुरुवार को कोरोना से 2 मौतें हुई हैं। सुबह 10:00 बजे मोती तबेला निवासी 54 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई ,उसे बुखार और सांस लेने में तकलीफ थी। इसके बाद 29 मार्च को एमवाई अस्पताल में भर्ती किया गया था इसकी ना तो कोई कांटेक्ट हिस्ट्री है और ना ही कोई ट्रेवल हिस्ट्री सामने आई है। इससे पहले एमआरटीवी अस्पताल में भर्ती खजराना की रहने वाली 65 साल की महिला ने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। महिला को सर्दी-खांसी ,बुखार और सांस लेने में तकलीफ थी ।29 मार्च को उसे भर्ती किया गया था उसकी भी कोई कांटेक्ट हिस्ट्री सामने नहीं आई है। बुधवार को एक रिपोर्ट आई थी इसमें संक्रमितों की संख्या और बढ़ गई है। यह आंकड़ा 75 तक पहुंच गया यानी कि इंदौर में इतने लोग संक्रमित हैं। वहीं पूरे प्रदेश की बात करें तो संख्या 98 हो गई है। इनमें भोपाल में चार हैं ग्वालियर और जबलपुर में 2-2 हैं और खरगोन का एक मरीज शामिल है।
अभी भी नहीं समझ रहे लोग
आज उज्जैन में दो और खरगोन में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा विचलित करने वाली बात यह है कि लोग अभी भी कोरोना को समझ नहीं पा रहे हैं। यह कितना खतरनाक है किस हद तक यह आपके समाज को खतरा पहुंचा सकता है इस बात से लोग अभी तक अनभिज्ञ पाए जा रहे हैं।
पूरे परिवार को संक्रमण
अब आप इसे आप उनकी अनभिज्ञता कहें या बेवकूफी ये आपकी मर्जी इंदौर में एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति अस्पताल से भाग गया था। उसने अपने घर में सभी लोगों को संक्रमित कर दिया उसके घर में 16 लोग रहते थे जिसमें से 12 लोग संक्रमित हैं। बता दें कि तान जीमेल में रहने वाले एक शख्स कोरोना संक्रमित था। 28 मार्च को वह अस्पताल से भाग आया था उसका कहना था कि वह कभी विदेश गया है और उसे कोई भी बीमारी नहीं है। स्वास्थ विभाग ने संपर्क में आने वाले सभी लोगों को ऐड किया है इसमें उसकी पत्नी दो बेटियां भाई और एक किराएदार भी है 16 लोगों का यह परिवार दो मंजिला मकान में रहता था।
अगर समझा जाये तो वह चलता फिरता बम था। पहली बार जब इस व्यक्ति को संक्रमण का पता तब चला था जब विभाग यहां सर्वे करने पहुंचा था।इसमें प्राइमरी कांटेक्ट और सेकेंडरी कांटेक्ट ,प्राइमरी कांटेक्ट वह होते हैं जो मरीज के सीधे संपर्क में आते हैं और सेकेंडरी वह होते हैं जो मरीज से कभी कभार मिले हैं इनकी सूची बनाई गई। जब इनके परिवार के पुरुष में संक्रमण मिला तो विभाग ने उसकी कांटेक्ट हिस्ट्री निकाली और पता चला कि एक दो नहीं बल्कि 54 लोगों को संक्रमण है।जिसके बाद इनलोगों को 20 किलोमीटर दूर हसनाबाद में रखा था। भागने वाले इस मरीज के दो पते मिले हैं एक तंजीम नगर का और दूसरा कोयला बाखल का। विभाग अब यह पता कर रहा है कि रात भर यह कहां कहां गया और किन-किन से मिला और किन-किन को संक्रमित किया।
इस आप बेवकूफी नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे जिन 12 लोगों को इसने संक्रमित किया उनकी क्या गलती थी। गलती किसकी थी इस शख्स की जो संक्रमित होने के बावजूद हॉस्पिटल से यह बोल कर भाग खड़ा हुआ कि उसे कोई रोग नहीं है और खुद ही डॉक्टर बन गया। उसकी डॉक्टरी लोगों पर कितनी भारी पड़ी है इसका अंदेशा आप इसी से लगा सकते हैं कि उसने अपने परिवार सहित ,जाने और कितनो को संक्रमित किया है।