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लोकायुक्त की टीम ने फिर पकड़ा घूसखोर अधीक्षक , 50 हज़ार सैलरी वाला करोड़ो का मालिक 

 

मध्यप्रदेश / इंदौर : पिछले कुछ दिनों से लगातार घूसखोरी के मामले सामने आ रहे हैं , वहीँ एक बार फिर  जनकार्य शाखा का अधीक्षक विजय सक्सेना 25  हज़ार की रिश्वत लेते पकड़ाया गया है , लोकायुक्त पुलिस को सक्सेना की पत्नी गिरिजा और साले सतीश निगम के नाम से 3 कॉन्ट्रैक्टर फर्म की जानकारी मिली है। सतीश के नाम से दुर्गा, शक्ति और पत्नी के नाम से महाशक्ति फर्म को निगम से ही काम मिल रहा है। इनके जरिए कितना काम अलाॅट हुआ, कितना वास्तव में किया गया, कितनी राशि के बिल पास हुए इसकी भी जांच लोकायुक्त कर रही है। इसके अलावा चार मकान, चार प्लॉट और तीन फ्लैट, 28 लाख का सोना, तीन किलो चांदी और बैंक खातों में 15 लाख रुपए की भी जानकारी मिली है। हाल ही में  50  हज़ार रूपए  प्रतिमाह कमाने वाले  सक्सेना ने संपत्ति का साम्राज्य खड़ा कर रखा है। सक्सेना की कुल संपत्ति 3 करोड़ के आसपास आंकी जा रही है। 25 साल की नौकरी में इसने इतने रुपए कमाया कि करोड़पति बन गया।

नगर निगम की जनकार्य शाखा के अधीक्षक विजय सक्सेना और क्लर्क हेमाली वैद्य को लोकायुक्त पुलिस ने 2 अगस्त को रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा था। बिजासन टेकरी पर नगर निगम का बगीचा बनाने का कांट्रेक्ट उज्जैन के रहने वाले धीरेंद्र चौबे ने लिया था। चौबे की फर्म रुद्र कंस्ट्रक्शन का 9 लाख रुपए का बिल बकाया था। भ्रष्ट अधीक्षक सक्सेना 3 फीसदी कमीशन पहले देने पर ही फाइल क्लियर करने की जिद पकड़े बैठा था,कांट्रेक्टर धीरेंद्र चौबे ने सक्सेना के खिलाफ लिखित शिकायत दी थी।सोमवार को योजना के तहत चौबे 25 हजार रुपए के रंग लगे नोट लेकर जनकार्य शाखा पहुंचा। चौबे को देख सक्सेना ने रिश्वत की राशि क्लर्क हेमाली को देने के लिए कहा। हेमाली ने रिश्वत लेकर अपने पास रख लिया। तीन मिनट बाद लोकायुक्त पुलिस की टीम पहुंची और दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
 

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