ट्राईबल चयनित शिक्षकों को कब मिलेगी नियुक्ति? विभाग ने क्यों साधी चुप्पी? क्या 12043 चयनित शिक्षकों की नियुक्ति सिर्फ "लॉलीपॉप"

ट्राईबल चयनित शिक्षकों को कब मिलेगी नियुक्ति? आखिर विभाग ने क्यों साधी चुप्पी? क्या 12043 चयनित शिक्षकों की नियुक्ति सिर्फ “लॉलीपॉप “

 

 

भोपाल/ गरिमा श्रीवास्तव: मध्य प्रदेश में चयनित शिक्षकों का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है. चुनाव से पहले 12043 पदों पर नियुक्तियां हुई पर इसमें भी विसंगतियां पाई गई थी लेकिन बाद में इस लिस्ट को संशोधित किया गया. पर सवाल अभी वही है कि 18000 जने शिक्षकों को नियुक्ति कब मिलेगी?

प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग के 30,000 रिक्त पदों लिए सन 2018 में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड मध्य प्रदेश, भोपाल द्वारा संयुक्त रूप से परीक्षा का आयोजन किया गया था। जिसमें लोक शिक्षण संचनालय में उच्च माध्यमिक शिक्षक और माध्यमिक शिक्षकों की फाइनल चयन सूची और स्कूल अलॉटमेंट के साथ नियुक्ति शुरू हो चुकी है. शिक्षा विभाग में दो विभाग होते हैं – शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग , 2018 मे दोनों विभागों का साथ मे ही भर्ती परीक्षा निकाला गया था और 2019 में पेपर हुआ , जिसमें वर्ग 1 और वर्ग दो दोनों के मिलाकर 30000 पद थे.जिससे शिक्षा विभाग के 22000 और आदिमजाति कल्याण विभाग के वर्ग 1 के 2220 एवं वर्ग 2 के 5704 पद थे. शिक्षा विभाग ने अपनी भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली है.लेकिन आदिमजाति कल्याण विभाग ने अभी तक भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की है, ट्राइबल अभ्यर्थी विभाग से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के संबंध में बात करते हैं तो वहाँ के अधिकारी बात तक करने को तैयार नहीं हैं.

एक तरफ जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश में रोजगार को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कहते हैं, वहीं दूसरी तरफ यह चयनित होकर भी नियुक्ति ना मिलने से परेशान हैं.

यह ज्ञात ही है कि जनजाति विभाग में उच्च माध्यमिक शिक्षक के 2200 पद और माध्यमिक शिक्षकों के 5704 पदों पर फाइनल चयन सूची और और स्कूल अलॉटमेंट होना शेष है।

 चयनित शिक्षकों का मुद्दा मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है

 लंबे इंतजार के बाद डीपीआई ने 12093 पदों की अंतिम चयन सूची जारी की है. जबकि 30000 से ज्यादा पद हैं.

 अभ्यर्थी परेशान हैं, यह बात भी चयनित शिक्षकों द्वारा कही जा रही है कि उनकी नियुक्ति में भारी घोटाला किया गया है.

द लोकनीति लगातार चयनित शिक्षकों का मुद्दा तब तक उठाता रहेगा जब तक इन सभी चयनित शिक्षकों को नियुक्ति नहीं मिल जाती.

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