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UPSC Story: एक माँ की कहानी जो 2.5 साल के बच्चे को संभालते हुए, बिना Coaching के बनी कलेक्टर

  •  मैडम पुष्‍पलता ने साल 2015 में बैंक की नौकरी से इस्तीफा दिया.
  •  इसके बाद सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी में जुट गईं.
  •  उसके बाद 2 साल के बच्‍चे की परवरिश करते हुए उन्‍होंने ये मुकाम हासिल किया. 

संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) की परीक्षा कितनी मुश्‍किल है. यह सभी जानते है लेकिन इस परीक्षा में हर साल लगभग 10 लाख आवेदन आते हैं. इनमें लगभग 1 हजार सेलेक्ट होते हैं. देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में शुमार इस एग्जाम को क्लीयर करने वाली हर हस्ती की अपनी एक अलग कहानी होती हैं. ऐसे  में आज आपको रूबरू कराएंगे साल 2017 में यूपीएससी में 80वीं रैंक हासिल करने वाली पुष्पलता की.

पुष्‍पलता ने जिंदगी के उस दौर में वो मुकाम हासिल किया, जब वे एक साथ कई जिम्‍मेदारी निभा रहीं थीं. वे पत्‍नी ही नहीं बल्‍कि मां भी थीं. दस साल के बेटे को पालते हुए उन्‍होंने ये मुकाम हासिल किया. आइए जानते हैं कैसे हासिल किया उन्‍होंने ये मुकाम.

पुष्पा स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद में असिस्टेंट मैनेजर थीं. जॉब के दौरान उन्‍होंने  महसूस किया कि वे समाज के लिए कुछ करना चाहती हैं. बस यही सोचकर उन्‍होंने इस दिशा में सोचना शुरू किया. इसी दौरान उन्‍हें सिविल सर्विसेज का ख्‍याल आया. यहां से उन्‍होंने इस कठिन परीक्षा की तैयारी के बारे में सोचा लेकिन ये इतना आसान नहीं था.

पुष्‍पा को सेल्‍फ स्‍टडी करना इतना आसान नहीं था.दरअसल पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें अपने 2 साल के बेटे की देखभाल भी करनी होती थी, जो कि बेहद मुश्‍किल था. इसके बावजूद उन्‍होंने हार नहीं मानीं. वे डटी रहीं.

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