भोपाल : हालही में मध्यप्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव हुए हैं। ऐसे में छात्र संगठनों ने भी एक बार फिर से छात्र संघ चुनाव कराने की मांग शुरू कर दी है।
दरअसल, प्रदेश में प्रत्यक्ष प्रणाली से आखिरी बार साल 2003 में छात्र संघ चुनाव हुए थे। तब से अब तक लगातार छात्र संगठनों के नेता प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराए जाने की मांग कर रहे हैं। सरकार 19 साल से इस मांग को लगातार खारिज कर रही है। और इस साल भी शायद सरकार ये चुनाव कराने के मूड में नहीं है।
मामलें में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है कि कोरोना का अभी तीसरा दौर चल रहा है। वैक्सीनेशन किया जा रहा है। जैसे ही, कोविड से सामान्य स्थिति होगी। छात्र संघ चुनाव कराएंगे। चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे या अप्रत्यक्ष प्रणाली, इसका फैसला छात्र संगठनों के नेताओं से राय लेकर को-ऑर्डिनेशन कमेटी और राज्यपाल की सहमति से होगा।
वहीं, दूसरी तरफ पड़ोसी राज्य राजस्थान में सरकार ने छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने की घोषणा कर दी है।
इधर, ABVP के प्रांत संगठन मंत्री प्रवीण शर्मा ने बताया कि कॉलेजों में राज्य सरकार ने 5 साल पहले 2017 में अप्रत्यक्ष प्रणाली से छात्र संघ चुनाव कराए थे। हालांकि, छात्र संगठनों ने राज्य सरकार से चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने की मांग की थी। इसे खारिज कर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होने चाहिए। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने उच्च शिक्षा मंत्री और दूसरे नेताओं को लेटर लिखकर प्रदेश में छात्र संघ चुनाव कराने की मांग की है।
बता दे कि प्रदेश में सरकारी 8 यूनिवर्सिटी हैं। 1327 प्राइवेट और सरकारी कॉलेज हैं। क्लासेस शुरू हुए 1 महीना बीत गया है।