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जबलपुर :- गरीबी की मार! हमें घर जाना है साहब, हमें घर भेज दो, एक हफ्ते से कोई भोजन देने नहीं आया

  • हम लोगो को  घर भेज दो साहब एक हफ्ते से कोई नहीं आया भोजन देने 

जबलपुर :-जबलपुर में इन मजदूरों की हालत इस वक्त बेहद दयनीय है. उनके पास ना खाने को पैसे हैं, न हीं कोई खाना देने आया.

जबलपुर  मेडिकल कॉलेज के पास सरकारी भवन का निर्माण करने वाले मजदूर भोजन के लिए तरस गए। 1  हफ्ते पहले सामाजिक संगठन वॉक एंड क्लीन के सदस्यों ने 300 मजदूरों को कच्चा राशन दिया  था।  एसडीएम(SDM ) गोरखपुर आशीष पांडे ने भी निरीक्षण किया था ,  उसके बाद निगम प्रशासन या पीआईयू के अफसर भोजन की व्यवस्था नहीं कर सके। इस बात का खुलासा  तब हुआ जब चार मजदूर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। उन्होंने बताया कि 1  हफ्ते से उनके पास कोई भोजन देने आया।  मजदूर इस संकट से बचने के लिए छत्तीसगढ़ जाने की माग कर रहे  हैं,  जिस ठेकेदार के लिए यह मजदूर काम करते थे वह ठेकेदार 4 दिन पहले से ही लापता है.
 मजदूर अब छत्तीसगढ़ जाने की परमिशन चाहते हैं.कलेक्टर कार्यालय छत्तीसगढ़ जाने की परमिशन लेने पहुंचे चार मजदूर गढ़ा से पैदल पहुंचे थे। सुबह से दोपहर तक उन्हें भोजन नहीं मिला था। तब कलेक्टर से उन्हें पुलिस कंट्रोल रूम भेजा गया। लेकिन वहां भी उन्हें भोजन के पैकेट नहीं मिला । वहां से आने पर उन्हें कलेक्टर कार्यालय में तैनात सामाजिक संगठन के सदस्य आशीष पांडे ने भोजन के पैकेट दिए। मजदूरों की स्थिति बेहद दयनीय है और अब उन्हें किसी पर भरोसा भी नहीं है उनका कहना है कि हमें परमिशन दिया जाए हम छत्तीसगढ़ पैदल जाने को तैयार हैं

 

 जानकारी मिलने पर तहसीलदार गोरखपुर प्रदीप मिश्रा  मामले में लापरवाही बरतने वाले पीआईयू के ठेकेदार के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी। हालांकि निगम प्रशासन के अमले ने भी प्रशासन को झूठ ही बोला है कि वहां रोजाना पका भोजन बांटा जा रहा है। यह बात अलग है कि सात दिनों में कोई टीम या अफसर दोबारा इन मजदूरों के पास नहीं पहुंचा
।उन्हें कम से कम 5 से 6 दिन का राशन भी दिया। उस समय एसडीएम भी आए थे जांच करने, लेकिन उसके बाद किसी ने भी उन्हें भोजन नहीं दिया। यह बड़ी लापरवाही है।

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