Ujjain :- माँ को पीठ पर बैठा कर युवक कर रहा था चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश, कांस्टेबल ने बचाई माँ बेटे की जान

उज्जैन / गरिमा श्रीवास्तव :- जगह जगह वाहनों पर लिखा होता है “दुर्घटना से देर भली” . तात्पर्य यह है कि अगर देर होने से आप किसी दुर्घटना के शिकार होने से बच जाते हैं तो देर होना कोई बुरा नहीं है। पर यह लाइनें केवल किताबों और वाहनों के बैक साइड पर ही सिमट कर रह गयी हैं। अनपढ़ व्यक्ति भी इन  मतलब समझता है पर इन बातों पर अमल कुछ ही लोग करते हैं।

उज्जैन (Ujjain) में एक ऐसा ही वाक़या देखने को मिला। एक युवक को ट्रेन में चढ़ने की इतनी तेज़ी थी कि वह माँ को पीठ पर बैठा कर चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करने लगा। ट्रेन धीरे धीरे अपनी रफ़्तार पकड़ रही थी। युवक जैसे ही नज़दीक पहुँचा वह माँ के साथ नीचे गिर गया। इसी में एक कांस्टेबल  उनपर पकड़ी और कोई  जाता इससे पूर्व ने ही कांस्टेबल ने दौड़ कर उन दोनों की जान बचा ली।
सम्पूर्ण घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरा में कैद हो गया।

अब ऐसे में सवाल यही उठता है कि क्या उन माँ बेटे के लिए ज़िंदगी से बढ़कर ट्रेन पकड़ना था ? अगर ज़िंदगी रहेगी तो सैकड़ों ट्रेन पकड़ सकते हैं। पर अगर एक बार ज़िंदगी चली गई तो कभी वापस लौट कर नहीं आ सकती है।

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