Kashi-Mahakal Express : ट्रेन में मंदिर और भगवान के लिए आरक्षित सीट, भगवान भी कर सकेंगे अप-डाउन

Bhopal Desk, Gautam :- वराणसी से उज्जैन के बीच चलाई गयी स्पेशल ट्रेन काशी-महाकाल एक्सप्रेस में भगवान शिव के लिए एक सीट आरक्षित रखी गई है। लोगों को इस बात की जानकारी रहे इसके लिए उस सीट पर एक मंदिर भी बनवाया गया है। यह ट्रेन सोमवार सुबह इंदौर पहुंची जहाँ पर भजन गाकर इसका स्वागत किया गया। अब इस मुद्दे पर राजनीतिक सियासत बढती जा रहिया है। एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने पीएमओ को ट्वीट कर ट्रेन में सीट पर शिव मंदिर बनाए जाने को लेकर सवाल उठाए हैं। ओवैसी ने संविधान की एक कॉपी को भी अटैच किया है।

एक सीट महादेव के लिए आरक्षित
उत्तर प्रदेश के काशी और मध्य प्रदेश के उज्जैन, ओंकारेश्वर ज्याेतिर्लिंग तीर्थस्थलाें काे जाेड़ने वाली आईआरसीटीसी की निजी ट्रेन काशी-महाकाल एक्सप्रेस सोमवार सुबह इंदौर रेलवे स्टेशन पर पहुंची। उज्जैन और इंदौर रेलवे स्टेशन पर इस ट्रेन का स्वागत भजन गाकर किया गया।  ट्रेन के काेच बी5 में सीट नंबर 64 काे बाबा महाकाल के लिए आरक्षित रखा गया है। लाेगाें काे इसकी जानकारी रहे, इसके लिए सीट पर मंदिर भी बनाया गया है। ऐसा पहली बार है, जब किसी भगवान के लिए ट्रेन में सीट आरक्षित की गई है। ट्रेन में भक्ति संगीत, हर कोच में दो निजी गार्ड रहेंगे और केवल शाकाहारी भोजन मिलेगा।

असदुद्दीन औवेसी ने एक ट्वीट में संविधान की एक कॉपी के साथ ट्रेन में मंदिर का फोटो शेयर किया है। अब देखना यह है की इस मुद्दे पर सियासत कितना रंग लेती है।
पर एक बात समझ में नहीं आ रही है की जो भगवान मिनटों में यहाँ से वहां जा सकते हैं उनको ट्रेन में सीट की क्या जरूरत ? एक तरफ जहाँ इस देश में आदमी को कन्फर्म टिकट लेने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है ऐसे में एक अंधविश्वास को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के कदम उठाना और एक सीट को जाया करना कहाँ तक सही है। चलिए मान लेते हैं लोगों की भावनाएं जुडी हुई हैं पर उसके लिए ढेरों मंदिर मस्जिद हैं ट्रेन में मंदिर की क्या जरूरत है ये तो सम्बंधित लोग ही बता पायेंगे।
फिलहाल तो आपको बस यह बता दें कि यह ट्रेन सप्ताह में तीन दिन चलेगी। इसके दो रूट रहेंगे। सुल्तानपुर-लखनऊ रूट पर सप्ताह में दो दिन और प्रयागराज रूट पर सप्ताह में एक दिन चलेगी।

Sir @PMOIndia https://t.co/HCeC9QcfW9 pic.twitter.com/6SMJXw3q1N

— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 17, 2020

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