सुल्तानिया अस्पताल: सामने आई स्टाफ की बड़ी लापरवाही, ठंड में नवजात सहित प्रसूता को दे दी जबरन छुट्टी
भोपाल/राजकमल पांडे। प्रदेश में अस्पतालों की स्थितियां क्या है यह किसी से छिपा नही है. सरकारों से लेकर मैदानी अमला तक स्वास्थ्य व्यवस्था व इलाज पर जोर दे रहे हैं पर बावजूद इसके आज भी प्रदेश के अस्पतालों में व्यवस्था की बात की जाए तो इतनी दयनीय है कि कहा नहीं जा सकता है. ऐसा ही एक मामला गांधी मेडिकल काॅलेज से संबद्ध सुन्तानिया जनाना अस्पताल में अव्यवस्था से सम्बन्धित का मामला सामने आया है. जहां स्टाफ की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है. राजगढ़-ब्यावरा निवासी माया पत्नी महेश दांगी की सिजेरियन डिलेवरी के तीसरे दिन ही स्टाफ ने उसकी छुट्टी करके बाहर निकाल दिया. प्रसूता के परिजन कड़ाके भरी ठंड में जज्जा और बच्चा को लेकर अस्पताल में सामने में बैठे रहे. मालूम हो कि प्रदेश भर में पिछले दो दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है. वहीं सुल्तानिया अस्पताल में स्टाफ की लापरवाही दर्षाता है कि प्रदेष में जान की कीमत क्या है और प्रदेश के मुखिया व स्वास्थ्य मंत्री अस्पतालों की अव्यवस्थाओं पर कितना गंभीर हैं. उक्त मामले में परिजनों ने अस्पताल के स्टाफ पर यह आरोप लगाए हैं कि एक मैडम ने उसकी फाइल फेंकते हुए घर चले जाने के लिए कहा. वहीं प्रसूता के टांके पंके होने की बात डाॅक्टरों की बताई थी, बावजूद इसके जबरन छुट्टी कर दी गई. जिससे प्रसूता सहित परिजन भी रात भर परेशान रहे. उक्त मामले में अस्पताल प्रबंधन अपना पल्ला झाडते हुए नजर आए और कुछ भी कहने से बचते ही रहे.
टांके कटने के बाद ही होती है छुट्टी
सुल्तानिया अस्पताल की एक स्त्री रोग विशेषज्ञ का कहना है कि यदि प्रसूता शहर की रहने वाली है, तो हम उसकी कंडीशन ठीक है तो चैथे-पांचवे दिन छुट्टी कर देते हैं. यदि दूसरे जिले की महिला है तो उसके टांके कटने के बाद डिस्चार्ज करते हैं. ऐसे में अस्पताल की ये लापरवाही जज्जा और बच्चा की जान पर भारी पड़ सकती है.