जब तक अंतिम सांस बाकी है, नियमितीकरण का संघर्ष जारी रहेगा: अतिथि विद्वान

राजधानी भोपाल का ऐतिहासिक शाहजहांनी पार्क इन दिनों अतिथिविद्वानों की श्रमभूमि और कर्मभूमि बना हुआ है। अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ देवराज सिंह ने कहा है कि कांग्रेस सरकार ने अब तक अतिथिविद्वानों की पीड़ा जानने की कोई कोशिश नही की है, किन्तु अतिथि विद्वान लगातार अपने शांतिपूर्ण आंदोलन के माध्यम से कमलनाथ सरकार तक यह संदेश पहुँचा रहे हैं कि पूर्णतः संवैधानिक दायरे के अंदर अतिथि विद्वान सरकार से अपने नियमितीकरण की मांग करते रहेंगे। दो माह से अधिक समय से सहल रहे हमारे इस आंदोलन में हमने न सिर्फ आने साथियों को खोया है बल्कि कई साथी मौत के मुँह से वापस आये हैं। हम अपने उन साथियों की इस महान क़ुरबानी को खाली नही जाने देंगे। बल्कि सरकार से पुरजोर तरीके से अपने जीवन की अंतिम सांस तक नियमितीकरण की यह लड़ाई और संघर्ष को जारी रखेंगे।

सामाजिक कार्यकर्ता पहुँचे अतिथिविद्वानों के बीच 

हालांकि कांग्रेस सरकार अब तक अतिथिविद्वानों के प्रति संवेदनहीन ही साबित हुई है किंतु अतिथिविद्वानो की जायज़ मांगों को अपना समर्थन देने अब तक कई सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि शाहजहानी पार्क पहुँच चुके है। इसी कड़ी में आज पुरानी पेंशन योजना बाली के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार तथा सामाजिक कार्यकर्ता और कांग्रेस किसान कामगार पार्टी के उपाध्यक्ष वासुदेव शर्मा शाहजहांनी पार्क पहुँचकर अतिथिविद्वानों की मांगों को अपना समर्थन दिया। सबने एक सुर में मध्यप्रदेश सरकार से अतिथिविद्वानों का वचनपत्र अनुसार अविलंब नियमितीकरण किये जाने की मांग की। अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ सुरजीत भदौरिया के अनुसार विभिन्न सामाजिक संगठनों ने हमारी मांगों के लिए अब तक सैकड़ों के तादात में समर्थनपत्र हमें दिए हैं। उन्हें हम जल्द मुख्यमंत्री कमलनाथ को सौंप कर कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के वचनपत्र के अनुसार अतिथिविद्वानों के नियमितिकरण की पुरजोर मांग करेंगे।

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