भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – प्रदेश की कमलनाथ सरकार अब अपने खाली पड़े खजाने को भरने जा रहीं हैं। ये खाली खज़ाना वसूली करके भरा जाएगा। सरकार ने परिवहन माफियायों से 2694 करोड़ रुपए की रिकवरी करने की तैयारी कर ली हैं। दरअसल, सीएजी रिपोर्ट 2016-17 में इस राशि को वसूल न करने पर भारी नाराजगी जाहिर की गई थी। इस पर लोक लेखा समिति ने इस मामले को उठाया, तो सरकार ने इतनी बड़ी राशि वसूल न होने को गंभीरता से लिया हैं।
सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में 4246 करोड़ रुपए वसूली लायक बताए गए थे। इसमें से 537 करोउ़ रुपए वसूल लिए गए। इसके बाद 1013 करोड़ रुपए वसूली योग्य नहीं माने गए। बाकी 2694 करोड़ रुपए की वसूली के लिए अब अभियान चलना हैं। यह राशि वाहनों से विभिन्न टैक्स व जुर्माने की हैं। कई नोटिस भी जारी किये गए, लेकिन वसूली नहीं हो पाई। इसके बाद ये मामला ठंडे बस्ते में चला गया। लेकिन इस बार सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया हैं। और वसूली करने के आदेश दिए हैं।
बता दे कि प्रदेश में 52 में से 31 जिलों में बकाया की रिकवरी होना हैं। इनमें सबसे अधिक राशि इंदौर में बकाया हैं। इंदौर में 381.62 करोड़ रुपए की राशि की रिकवरी होना हैं। जबकि ग्वालियर में 139.91 करोड़, भोपाल में 95.44 करोड़, सिंगरौली- 221.48, जबलपुर में 34.30 करोड़, में रीवा 237.42, उमरिया में 158.91, देवास में 134.70, बालाघाट में 125.83, होशंगाबाद में 124.01, सागर में 113.65, और राजगढ़ में 108.69 करोड़ की वसूली होना हैं।
परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने इस मामले में 31 मार्च तक पचास प्रतिशत से कम राशि वसूल करने वाले अफसरों की नामजद जवाबदेही तय करके 15 अप्रैल तक रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए हैं। इसमें अब हर हफ्ते रिकवरी की रिपोर्ट मुख्यालय को तैयार करना होगी।
परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के अनुसार पचास प्रतिशत से कम वसूली करने वाले अफसरों पर गाज गिरेगी।
वहीं, सीएम कमलनाथ ने राजस्व बढ़ोत्तरी के विभागों को निर्देश दिए हैं। इसके बाद सभी विभागों में फरवरी व मार्च में राजस्व को लेकर मिशन मोड पर काम शुरू हो गया हैं। इसके तहत यहां भी राजस्व वसूली पर फोकस किया गया हैं।
गौरतलब है कि खस्ताहाल सरकारी खजाने के कारण राजस्व की चिंता सरकार को सता रही हैं। इस कारण इस वसूली पर फोकस किया गया हैं।