मध्यप्रदेश में सिंगल-पैरेंट बच्चों को नहीं मिलेगा मुख्यमंत्री कोविड जन कल्याण योजना का लाभ

 

भोपाल/ स्वाति वाणीं:-

प्रदेश में शिवराज सरकार ने आम जनता को बड़ा झटका दिया है। सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर में अनाथ हुए बच्चों को सहारा देने के लिए मुख्यमंत्री कोविड जन कल्याण योजना लागू की है। लेकिन इस योजना का लाभ सिंगल-पैरेंट बच्चों को नहीं मिल सकेगा। यानी जिन बच्चों के माता-पिता में से किसी एक की कोरोना से मौत हुई है, वे इस योजना से वंचित रह जायंगे। प्रदेश में कुल 9 हजार बच्चे ऐसे है जिन्होंने कोरोना की वजह से अपने माता-पिता में से किसी एक को खो दिया था। और अब उनके घर कोई कमाने वाला नहीं है।

फाइनल ड्राफ्ट में किया गया बदलाव 
सूत्रों का कहना है की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर तैयार किए गए मुख्यमंत्री कोविड जन कल्याण योजना के ड्राफ्ट में कहा गया था कि जिन बच्चों के परिवार में कमाने वाले की कोरोना से मौत हुई है, वे इस योजना के पात्र होंगे। लेकिन अब इस योजना के फॉर्म का बिंदु ( नंबर 4.4) हटा कर फाइनल ड्राफ्ट में बदलाव कर दिया गया है। इससे पहले सिंगल-पैरेंट बच्चों को लाभ के लिए पात्र बनाया गया था। लेकिन अब उन्हें इससे वंचित रखा जायगा। 

अनाथ हुए बच्चों को हर महीने 5 हजार रुपए की पेंशन दी जाएगी
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 13 मई को मुख्यमंत्री कोविड जन कल्याण योजना की घोषणा की थी। जिसमे 30 मार्च 2021 से 31 जुलाई 2021 के दौरान काेरोना से अनाथ हुए बच्चों को 21 साल की उम्र तक हर महीने 5 हजार रुपए की पेंशन दी जाएगी। साथ ही जिन बच्चों के माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु पहले हो गयी हो और दूसरे की मृत्यु कोरोना संक्रमण के कारण हो गयी होगी। वे भी पात्र समझे जाएंगे।

बच्चों को योजना में शामिल करने के लिए सरकार के पास बजट नहीं
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की मानें तो प्रदेश में इस योजना के तहत आवेदन करने वाले अनाथ बच्चों की कुल संख्या 1001 है। जबकि प्रदेश में कुल 9 हजार बच्चे ऐसे है जिन्होंने कोरोना की वजह से अपने माता-पिता में से किसी एक को खो दिया था। लेकिन इतने बच्चों को योजना में शामिल करने के लिए बजट उपलब्ध नहीं है।

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