सिहोरा: रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन रोकने आधा दर्जन स्थानों पर लगे खनिज जांच नाके ।।
- सिहोरा और मझौली में रॉयल्टी को लेकर अवैध वसूली के आरोप निराधार- कंपनी ने रखा अपना पक्ष
- कहा – खनिज विभाग ने मार्च माह में मैसर्स आराध्या लॉजिस्टिक सॉल्यूशन को दी अनुमति
द लोकनीति डेस्क जबलपुर
हिरण नदी से निकाली जा रही रेत वैध है या अवैध इसकी जांच के लिए खनिज विभाग ने मार्च माह में ही सिहोरा सहित करीब आधा दर्जन क्षेत्रों में खनिज जांच लगाने के आदेश जारी कर दिए थे। खनिज जांच लगाने का ठेका खनिज विभाग ने जबलपुर की मैसर्स आराध्या लॉजिस्टिक सॉल्यूशन कारपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड को दिया था। कंपनी का काम क्षेत्र में हो रहे रेत के अवैध उत्खनन को रोकना और वाहनों की जांच करना था। कंपनी द्वारा संबंधित स्थानों पर जांच नाके लगाकर वाहनों की जांच की जा रही है।
कार्यालय कलेक्टर (शाखा खनिज) जबलपुर को 17 मार्च को जारी किए गए आदेश में बताया गया है कि प्रमुख सचिव मध्य प्रदेश शासन खनिज विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल मध्य प्रदेश के पत्र क्रमांक 2020/ 623/दिनांक 22/2/2020 में संलग्न सूची के आधार पर उल्लेखित स्थानों पर रेत के अवैध उत्खनन/ परिवहन की रोकथाम के आशय से जांच चौकी स्थापित करने की अनुमति प्रदान की जाती है। पत्र में उल्लेखित जांच चौकियों के स्थान में बसन कोनीकलां तिराहा तेन्दूकला मार्ग, कटंगी मझौली तिराहा-दमोह रोड, पाटन जबलपुर रोड चौराहा के पास, मनकेडी-भोपाल राजमार्ग, बनखेड़ी तिराहा-सिंगलदीप इंद्राणा रोड,मझगवां-सिहोरा रोड, चरगवाँ गोटेगांव जबलपुर रोड, ठूठा नरसिंहपुर जबलपुर रोड शामिल है। संबंधित जांच चौकियों में सीसीटीवी कैमरे ई-टीपी की सुविधा के लिए इंटरनेट की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए गए थे।
ई-टीपी काटने और वाहनों की जांच का अधिकार : मध्यप्रदेश शासन खनिज विभाग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए इस आदेश के आधार पर संबंधित कंपनी को दिए गए खानिज जांच नाके (चौकी) के आधार पर हाईवा ट्रैक्टर और दूसरे वाहनों से रेत की निकासी की जांच करने और ईटीपी जांचने का अधिकार दिया गया है।
कम्पनी का कहना है कि -अवैध उत्खनन करने वालों पर लग गई थी लगाम : सिहोरा क्षेत्र में खनिज जांच नाका लगने से अवैध तरीके से हिरण नदी सहित आसपास के क्षेत्रों से रेत की अवैध निकासी करने वालों की कलई खुल गई थी। जिसको लेकर कई लोग जांच नाकों को अवैध वसूली का केंद्र बताने लगे हैं। कंपनी को खनिज विभाग ने ही रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन की जांच के लिए अधिकृत किया है। जिसके आधार पर जांच नाकों पर वाहनों की जांच की जा रही है।