सिहोरा : ओपन कैप में नहीं सुरक्षा के इंतजाम, सड़ रही करोड़ों रुपए की धान

ओपन कैप में नहीं सुरक्षा के इंतजाम, सड़ रही करोड़ों रुपए की धान
सिहोरा तहसील की गोसलपुर ओपन कैप का मामला : विभागीय अधिकारी बने अनजान, साजिश के तहत चल रहा काम
सिहोरा
शासन अन्नदाता (किसान) के एक-एक दाने को खरीदने का दावा तो करती है लेकिन इसके रखरखाव और भंडारण में कितनी बड़ी लापरवाही बरती जा रही है इसका जीता जागता नमूना है सिहोरा तहसील कि गोसलपुर क्षेत्र में बना ओपन कैप। जहां रखी धान के सुरक्षा के कोई भी इंतजाम नहीं होने के कारण करोड़ों रुपए की धान या तो सड़ चुकी है या फिर जानबूझकर सड़ाई जा रही है। वहीं दूसरी तरफ विभागीय सिहोराअधिकारी इस पूरे मामले से अनजान बने हुए हैं।
 जानकारी के मुताबिक गोसलपुर के पास शासन द्वारा खरीदी जाने वाले गेहूं और धान के भंडारण के लिए करीब 50 एकड़ में ओपन के बनवाया गया था। इस ओपन कैप में 2018-19 और 2019-20 में सिहोरा के अलावा मझौली तहसील की समितियों द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान को भंडारित किया गया। ओपन कैप में भंडारित धान किस सुरक्षित भंडारण को लेकर हद दर्जे की लापरवाही बरती गई। जिसके कारण यहां रखी 120960 धान की बोरियां पूरी तरह सड़ गईं। ओपन कैप में हालात यह है कि कैप में रखी धान की बोरियां पूरी तरह खराब हो गई है और उसके अंदर रखी थान भी। 


4 स्टेक की धान हुई बर्बाद, बाकियों की भी वही स्थिति : ओपन कैप के 4 स्टैक (एक स्टैक में 3024 बोरी) 120 960 बोरी में रखी धान पूरी तरह बर्बाद हो गई है। धान की हालत यह है कि बारिश में भीगने से यह पूरी धान काली पड़ गई है। ऐसा नहीं है कि धान के भंडारण के लिए यहां तिरपाल और दूसरी व्यवस्था नहीं थी। इसके बावजूद धान को जानबूझकर जिम्मेदारों ने सड़ा दिया। ओपन कैप में अभी भी करीब 25 स्टेक में धान रखी हुई है। वहां भी सुरक्षा के कोई भी इंतजाम नहीं होने से वह भी कुछ दिन में ऐसी ही में हो जाएगी।


गरीबों को बांटकर मिटाई जा सकती थी भूख : ब्लॉक कांग्रेस कमेटी गोसलपुर के अध्यक्ष राजीव तिवारी, मुकेश तिवारी, वीरेंद्र खरे, सचिन विश्वकर्मा ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश सरकार एक तरफ तो किसानों के एक-एकअन्न के दाने को खरीदने का दावा करती है, लेकिन भंडारण में जानबूझकर इस धान को सड़ाया या जा रहा है। नेता से लेकर अफसर इस पूरे मामले में लिप्त है। इस धान का उपयोग कोरोना काल में भूखे और गरीबों में बांट कर उनके पेट की आग बुझाई जा सकती थी। 

संपर्क का किया प्रयास, लेकिन नहीं उठाया फोन : गोसलपुर स्थित ओपन कैप में भंडारित हुई धान के खराब होने को लेकर जब द लोकनीति ने ओपन कैप के प्रभारी संदीप त्रिपाठी से फोन पर उनका पक्ष जानने की कोशिश की तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया।

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