सिहोरा: फरीदाबाद से लौटा बुजुर्ग निकला कोविड-19 पॉजिटिव

 सिहोरा तहसील के देवरी सतधारा का मामला :  सिहोरा सिविल अस्पताल में था इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन
सिहोरा
फरीदाबाद की एक निजी कंपनी में चूड़ी बिंदी का काम करने वाला सिहोरा के देवरी सतधारा रहे निवासी 60 वर्षीय बुजुर्ग कोविड-19 पॉजिटिव निकला है। बुजुर्ग 19 जून को गोंडवाना एक्सप्रेस से फरीदाबाद से सिहोरा लौटा था। लौटने के बाद वह सीधे अस्पताल पहुंचा और खुद ही अपनी सेंपलिंग कराने के बाद अस्पताल में ही इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन था। रविवार शाम को मिली रिपोर्ट में संबंधित बुजुर्ग कोविड-19 पॉजिटिव निकला। देर शाम मेडिकल से सिहोरा अस्पताल पहुंची टीम बुजुर्ग को सुख सागर कोविड-19 सेंटर ले गई।
 जानकारी के मुताबिक सिहोरा तहसील के देवरी सतधारा में रहने वाला 60 वर्षीय बुजुर्ग करीब 30 साल से फरीदाबाद में स्थित एक बिंदी चूड़ी की फैक्ट्री में काम करता था। 19 जून को वह गोंडवाना एक्सप्रेस से सिहोरा पहुंचा। एक निजी वाहन से स्टेशन से उतरने के बाद सिहोरा सिविल अस्पताल में खुद की जांच कराई। बुजुर्ग को कोविड-19 के संदिग्ध के लक्षण मिलने पर 19 जून को ही डॉक्टरों की टीम ने बुजुर्ग के सैंपल लिए थे। जिसे जांच के लिए मेडिकल कॉलेज जबलपुर भेजा गया। रविवार शाम को आई रिपोर्ट में संबंधित बुजुर्ग कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया।
अस्पताल पहुंची सुख सागर की टीम, बुजुर्ग को किया शिफ्ट : कोविड- बुजुर्ग केक कोविड-19 पॉजिटिव आने की खबर लगते ही एसडीएम चंद्र प्रताप गोहिल, तहसीलदार नीता कोरी, बीएमओ डॉ दीपक गायकवाड सिहोरा अस्पताल प्रभारी डॉक्टर आरके त्रिपाठी मौके पर पहुंचे।
19 पॉजिटिव बुजुर्ग को लेने के लिए मेडिकल के सुख सागर कोविड-19 सेंटर की टीम देर शाम सिहोरा सिविल अस्पताल पहुंची। टीम बुजुर्ग को कोविड-19 की स्पेशल एंबुलेंस से लेकर सुखसागर कोविड-19 सेंटर ले गई। 
अभी तक भेजे 450 सैंपल, निकले पॉजिटिव : ब्लॉक मेडिकल अधिकारी डॉक्टर दीपक गायकवाड ने बताया कि
सिहोरा नगर और ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत अप्रैल से 21 जून तक बाहर से आए और संदिग्ध लक्षण वाले 450 लोगों के सैंपल कोविड-19 जांच के लिए भेजे गए। 450 सैंपल में अभी तक सिहोरा तहसील में छह कोविड-19 पॉजिटिव निकले। प्रदेश के दूसरे जिलों और प्रदेश से बाहर से आने वाले लोगों की सैंपलिंग का काम लगातार चल रहा है। एक बात और अच्छी देखी जा रही है कि भेजे जाने वाले सैंपलों की रिपोर्ट 24 से 48 घंटे के बीच मिलने से स्वास्थ्य अमले को कांटेक्ट हिस्ट्री पता करने में ज्यादा परेशानी नहीं हो रही है। ऐसे में संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाता है।

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