Sidhi : तीन प्रकार के कैंसर पीड़ितों का जिला चिकित्सालय में हो पाता है उपचार, शेष को किया जाता है रेफर

सीधी से गौरव सिंह की रिपोर्ट – जिले मे धूल, धुंआ, प्रदूषण की जगह तंबाखू उत्पादों का सेवन करने वाले ज्यादातर लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का शिकार हो रहे हैं। पान, गुटखा व तंबाखू का सेवन करने वाले अब तक सबसे ज्यादा कैंसर पीडि़त मरीज जिला चिकित्सालय की शरण ले चुके हैं। वहीं महिलाएं सबसे ज्यादा स्तन कैंसर की शिकार हो रही है।

तीन प्रकार के कैंसर के सबसे ज्यादा मरीज- सीधी जिला चिकित्सालय पहुंच रहे है सबसे जिसमें मुंख, गुदा, स्तन व बच्चेदानी का कैंसर शामिल है, जिला चिकित्सालय मे इन्हीं तीन कैंसर के उपचार की भी व्यवस्था है। शेष प्रकार के कैंसर पीडि़तो को आशा केयर सेंटर संजय गांधी अस्पताल रीवा या फिर जवाहर लाल नेहरू अस्पताल रीवा रेफर करना पड़ता हैं। १६० मरीज रजिस्टर्ड, ४० को दी जा रही कैमोथेरेपी- जिले मे मार्च २०१७ से कैंसर पीड़ितों को उपचार की सुविधा मुहैया कराई गई है। तब से लेकर अब तक १६० कैंसर पीड़ितों का पंजियन किया जा चुका है। वर्तमान मे ४० कैंसर पीड़ितों को कैमोथिरेपी दी जा रही हैं।

यद्यपि अन्य जिले की अपेक्षा सीधी मे कैंसर मरीजो की संख्या कम हैं, इसलिए बहुत ज्यादा सपोर्टिग स्टाप की समस्या नहीं आ रही है। जिला चिकित्सालय मे कैंसर पीड़ितों के उपचार के लिए एक चिकित्सा अधिकारी व दो स्टाप नर्स कार्यरत हैं। मप्र के सर्वे के आधार पर जिले की आवादी का चार प्रतिशत कैंसर पीड़ित की श्रेणी मे आते हैं किंतु इस अनुमान की अपेक्षा सीधी जिले मे कम कैंसर पीड़ित चिन्हिंत हैं। नशे के आदी लोग हो रहे कैंसर के शिकार- सीधी जिले मे बड़े उद्योग न होने के कारण प्रदूषण की समस्या नहीं है, जिससे प्रदूषण के कारण लोग कैंसर की जद मे नहीं आ रहे हैं, बल्कि जिले मे नशे के आ रहे हैं।

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