मध्यप्रदेश/जबलपुर(Jabalpur) -: श्रमिक स्पेशल ट्रेन(Shramik special train) चलाने के लिए जबलपुर मंडल के पास कोच ही नहीं हैं। हालात यह है कि मुख्य रेलवे स्टेशन से सोमवार को रवाना हुई पहली स्पेशल ट्रेन के लिए ही बहुत बामुश्किल से कोच उपलब्ध हो सके। श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए रेलवे, साधारण कोचों का उपयोग कर रही है। इसके लिए एलएचबी(LHB) कोच का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा। जबलपुर मंडल ने कोटा(Kota), दिल्ली(Delhi), भोपाल(Bhopal) जैसे कई रेल मंडल को श्रमिक स्पेशल चलाने के लिए कोच दे दिए। अब खुद को स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए कोच नहीं मिल पा रहे हैं।
दिल्ली भेजे दो और रैक
जबलपुर और रीवा(Riva) स्टेशन से 24-24 कोच की दो श्रमिक स्पेशल ट्रेन दिल्ली के लिए रवाना हुई। इन दोनों स्पेशल ट्रेन को खाली कोच के साथ रवाना किया गया। नार्दन रेलवे ने जबलपुर से दो स्पेशल रैक की ट्रेन मांगी थी, ताकि इन्हें दिल्ली से बिहार(Bihar) और अन्य राज्य के लिए जा सके। इन 2 रैक को रवाना करने के बाद जबलपुर में अब साधारण कोच शेष नहीं रह गए। जिला प्रशासन, जबलपुर से स्पेशल ट्रेन चलाने की डिमांड करता है तो जबलपुर मंडल को कोच की व्यवस्था में ही कई दिन लग सकते है।
एलएचबी कोच का उपयोग नहीं
रेलवे बोर्ड ने श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने से पहले ही ऑपरेटिंग(Operating) और मैकेनिकल(Mechanical) विभाग को यह स्पष्ट कह दिया है कि इसके लिए साधारण कोच का ही उपयोग करें। इसके लिए एलएचबी कोच का उपयोग न करें। इन कोचों को उपयोग करने के बाद सैनिटाइज कर दोबारा इनका उपयोग श्रमिक स्पेशल में ही किया जा रहा है। आने वाले समय में नियमित ट्रेन में अब एलएचबी कोच का ही प्रयोग हो।
यह है कोच की स्थिति
लगभग 250 साधारण स्लीपर कोच हैं
और 150 साधारण एसी कोच हैं
तथा एलएचबी के लगभग 200 कोच हैं
यह आ रही दिक्कत
पुराने कोचों का सही तरीके से सैनिटाइजेशन नहीं हो रहा
इन कोच का ज्यादा उपयोग मुुंबई, पुणे के यात्री को बिहार पहुंचाने में हो रहा
इस वजह से कोच में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने की बहुत ज्यादा संभावना है।