मध्यप्रदेश/भोपाल – मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया अस्पताल से आए दिन इलाज में लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। इलाज के दौरान लगातार हो रही गड़बड़ी के कारण लोगों की जान पर भी खतरा बना हुआ हैं। दरअसल, मामला संगीता सिसोदिया से जुड़ा हैं। जी हां, वही संगीता, जिसके हाथ और पैर 9 मार्च को उसके पति ने शक के चलते काट दिए थे।
संगीता ने बताया कि दाएं पैर में 40 से अधिक टांके लगाए गए है, लेकिन पैर में लगातार दर्द बना हुआ हैं। सबने यह कहकर टाल दिया कि टांके खुल जाएंगे तो दर्द धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा। अस्पताल वालों ने 24 मार्च को छुट्टी दे दी। उसके बाद में घर पर साई हाॅस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर के डाॅक्टर इलाज कर रहे रहें हैं। जब डाॅक्टर ने दाएं पैर की स्थिति देखी तो एक्स-रे कराने की सलाह दी। एक्सरे में घुटने के नीचे हड्डी में फ्रैक्चर दिखाई दिया।
संगीता का आरोप है कि डाॅक्टरों ने कटे हाथ को जोड़ने की कोशिश की, लेकिन नाकामयाबी हाथ लगी। बाएं पैर को काटना पड़ा, लेकिन दाएं पैर का एक्सरे नहीं कराया, सिर्फ टांके लगाकर छोड़ दिया।
वहीं, इस पुरे मामले पर तत्कालीन विभागध्यक्ष ऑर्थोपेडिक डॉ. संजीव गौर का कहना है कि तब उसके हाथ और पैर बचाने के लिए डाॅक्टर जद्दोजहद कर रहे थे। दूसरा पैर जो कट गया था, उसे ठीक करना प्राथमिकता थी। दाएं पैर में फ्रैक्चर है तो अस्पताल में भर्ती हो जाए तो उसका ऑपरेशन कर दिया जाएगा।
जबकि, साईं अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर के डायरेक्टर डाॅ. अनिल अगरेरी ने बताया कि जिस दिन घटना हुई थी उसी दिन फ्रैक्चर वाले पैर का ऑपरेशन हो जाता तो हड्डी जुड़ गई होती।
इधर, हमीदिया अस्पताल प्रबंधन का जिम्मेदारों का गैरजिम्मेदाराना रवैया जारी है, उनका कहना है कि संगीता फिर भर्ती हो जाए, ऑपरेशन कर देंगे।