MP:- Remdesivir की कालाबाजारी करने वाले 75 आरोपियों पर रासुका, गृह विभाग ने दी मंजूरी
भोपाल:- मध्यप्रदेश में Remdesivir इंजेक्शन की लगातार कालाबाजारी होती रही है. सरकार ने इस मामले में कहा था कि जो भी इस कालाबाजारी में होगा उसके खिलाफ रासुका लगाई जाएगी जिसके बाद अब गृह विभाग ने 75 आरोपियों के खिलाफ रासुका के लिए फाइनल परमिशन दे दी है.
कोरोना मरीज़ों के लिए जीवन रक्षक कहे जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन के गोरखधंधे से जुड़े आरोपियों पर सरकार का शिकंजा जारी है. पुलिस ने ऐसे 75 आरोपियों पर रासुका की कार्रवाई की है. इन आरोपियों के साथ चोर बाजारी निवारण अधिनियम में गिरफ्तार किए गए 6 आरोपियों को भी जेल भेज दिया गया. बताते चलें कि सबसे ज्यादा रासुका की कार्रवाई इंदौर और उज्जैन में हुई है.
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाज़ारी मामले में इंदौर के 9, उज्जैन के 9, ग्वालियर के 4, जबलपुर के 4, शहडोल के 4, भोपाल के 2, धार के 2, मंदसौर के 1, छिन्दवाड़ा के 1 और रतलाम के 1 समेत कुल 37 आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की गई. इस कार्रवाई को गृह विभाग ने मंजूरी भी दे दी है. इसके अलावा रेमडेसिविर कालाबाज़ारी में रासुका के अलावा इंदौर में 30 और भोपाल में 8 आदेश संबंधित कलेक्टर ने जारी किए . कुल 38 आरोपी गिरफ़्तार कर जेल भेजे गए. वहीं चोरबाज़ारी निवारण और अत्यावश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम में रेमडेसिविर कालाबाज़ारी क़े संबंध में जबलपुर में 2, उज्जैन में 2 और सागर में 1. ऑक्सीजन की कालाबाज़ारी में सतना में 1 आदेश जारी कर कुल 6 आरोपी गिरफ़्तार कर जेल भेजा गया.
सरबजीत सिंह मोखा पर रासुका ना लगाए जाने के मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता अमन दुबे ने उठाया था सवाल:-
जबलपुर में विश्व हिंदू परिषद के नेता सरबजीत सिंह मोखा ने नकली Remdesivir की कालाबाज़ारी की. पूर्व में ही मध्य प्रदेश की सरकार ने कहा था कि इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले के खिलाफ रासुका लगाया जाएगा.
इस मामले को लेकर विपक्ष के नेताओं ने सरकार का घेराव करना शुरू कर दिया है.
इंडियन यूथ कांग्रेस के प्रवक्ता अमन दुबे ने ट्वीट के माध्यम से सरबजीत सिंह मोखा पर रासुका लगाने की मांग की है ट्वीट में उन्होंने कहा कि जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई के मामले में विश्व हिंदू परिषद के नेता सरबजीत सिंह मोखा पर केस दर्ज..
— इन पर रासुका की कार्यवाही की जानी चाहिए थी जो कि नहीं की गयी! क्यों ?
सीएम बोल चुके है के दवाइयों, इंजेक्शनों और ऑक्सिजन की दलाली पर रासुका लगेगी तो क्यों नही लगी?
पूरा मामला:-
जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा, देवेश चौरसिया और सपन जैन पर विभिन्न धाराओं में केस दर्ज हुआ। मोखा विहिप के नेता भी हैं.
मोखा पर आरोप है कि इसने 500 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन कोविड मरीजों को लगा दिए. इन मरीजों में से कई की मौत होने की आशंका जताई जा रही है. पुलिस की टीमें सरबजीत की तलाश कर रही हैं.
गौरतलब है कि विगत दिनों गुजरात पुलिस ने नकली रेमडेसीवीर मामले में सपन जैन को गिरफ्तार किया था. उसने पूछताछ में सरबजीत सिंह मोखा का नाम लिया. इसके बाद पुलिस ने 48 घंटे के अंदर नकली इंजेक्शन की चैन का भंडाफोड़ कर दिया. जांच में सामने आया कि सरबजीत ने 500 नकली इंजेक्शन इंदौर से बुलवाए थे. इन इंजेक्शन को उसके अस्पताल में भर्ती मरीजों को लगवा दिया गया और उनकी जान से बड़ा खिलवाड़ किया गया.
कैसे हुआ मामले का खुलासा :-
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने गुजरात में एक फॉर्महाउस पर रेड मारा था जहां से धीरे-धीरे कई लोगों के नाम सामने आते गए.
जांच में पता चला था कि करीब एक लाख फर्जी रेमडेसिविर इंजेक्शन देशभर के अलग-अलग राज्यों में बेचे गए हैं. इसी कड़ी में गुजरात पुलिस 7 मई को जबलपुर आई और आधारताल निवासी दवा व्यवसायी सपन जैन को गिरफ्तार कर ले गई. इसके बाद जबलपुर पुलिस भी हरकत में आई थी और लगातार दो दिनों से ताबड़तोड़ छापे मारे. सपन जैन की तीन दवा दुकानों को पहले ही सील कर दिया गया था, जबकि पूछताछ में दो बड़े अस्पतालों के नाम भी सामने आए थे. इसी जांच में सिटी अस्पताल के संचालक का नाम उजागर हो गया.